दिल्ली की बुनियादी सुविधाओं के विकास से जुड़े सभी बड़े प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की निगरानी में चलेंगे। हर मंगलवार को होने वाली दिल्ली कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्य सचिव को आउट कम बजट में शामिल प्रोजेेक्ट की प्रगति का प्रजेंटेशन भी देना होगा।
मुख्यमंत्री ने ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स के तहत मुख्य सचिव को इस बारे में सोमवार को पत्र लिखा है।उन्होंने कहा है कि मुख्य सचिव सुनिश्चित करें कि प्रोजेक्ट से जुड़े सभी मसलों पर चर्चा हो सके।
दरअसल, दिल्ली विधानसभा में बजट पेश करते हुए दिल्ली सरकार ने अलग-अलग विभागों के प्रोजेक्ट की टाइम लाइन भी तय कर रखी है। इसके हिसाब से प्रोजेक्ट को पूरा करना है। इसका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के मकसद से सोमवार को मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है।
इसमें निर्देश दिया गया है कि हर कैबिनेट की बैठक से पहले टाइम लाइन बजट में डाले गए प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन उन्हें देना होगा। प्रगति में अगर कोई अड़चन पैदा हो रही है तो उसकी जानकारी देने के साथ मुख्य सचिव को इसकी वजह व इसे दूर करने के तरीके भी बताने होंगे।
दिलचस्प यह कि टाइम लाइन बजट में शामिल प्रोजेक्ट के अलावा पांच दूसरे प्रोजेक्ट भी इसमें शामिल हैं। जिनमें सीसीटीवी लगाने, हेल्थ कार्ड जारी करने, पॉलिक्लीनिक निर्माण, सड़कों की मरम्मत व उनका सौंदर्यीकरण और अनधिकृत कालोनियों व दिल्ली देहात के गांवों में सड़क, नाली, पानी आदि बुनियादी सुविधाओं के विकास से संबंधित प्रोजेक्ट हैं।
केंद्र सरकार पास लंबित बिलों पर भी तैयार होगी रिपोर्ट
कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्य सचिव को हर सरकारी अस्पताल की स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी। इसमें अस्पताल से जुड़ी सभी सेवाओं की जानकारी रहेगी। इससे जरूरत होने पर सुविधाओं का विस्तार भी किया जा सकेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विधानसभा को बताई गई टाइम लाइन के भीतर सभी प्रोजेक्ट को तैयार कर लेने की कोशिश है। इस तरह के प्रजेंटेशन का फायदा यह होगा कि कोई अड़चन आने पर मौके पर ही उसका निपटान किया जा सकेगा। वहीं, प्रोजेक्ट की प्रगति भी मुख्यमंत्री की सीधी नजर में रहेगी।
दूसरी तरफ दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह केंद्र सरकार में लंबित पड़े बिलों पर रिपोर्ट तैयार करे। वहीं, जिस विभाग से संबंधित बिल है, उसके सचिव को केंद्र सरकार के संबंधित विभाग के सचिव से संपर्क कर अड़चनों को दूर करना होगा। मुख्यमंत्री का मानना है कि इससे बिल पास कराने में मदद मिलेगी।
अधिकारियों के जनता दरबार पर भी मांगी रिपोर्ट
बीते शनिवार को मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह सुबह 10-11 बजे के बीच अधिकारियों के दरबार लगाने के पहले के आदेश का पालन सुनिश्चित करें। वहीं, उन्हें अधिकारियों की फील्ड विजिट व उसकी रिपोर्ट भी तैयार करानी होगी।