दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में सोमवार को फार्मासिस्ट हड़ताल पर रहेंगे। फार्मासिस्टों के संगठन फार्मासिस्ट एंप्लाइज एसोसिएशन ने इसकी घोषणा की है। इस वजह से आशंका है कि सोमवार को अस्पतालों की फार्मेसी में मरीजों को दवाएं नहीं मिल पाएंगीं।
एसोसिएशन के पदाधिकारी फार्मेसी कर्मचारियों के लिए कैडर व पदोन्नति के प्रावधान व अस्पतालों में दवा वितरण के लिए अतिरिक्त काउंटर खोले जाने की सरकार से मांग कर रहे हैं।
एसोसिएशन का आरोप है कि हड़ताल की सूचना दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को अप्रैल में ही दी गई थी। इसके बाद नौ मई को दोबारा सूचित किया गया। इसके बावजूद कर्मचारियों की मांग पर खास ध्यान नहीं दिया गया।
एसोसिएशन के महासचिव संजय बजाज ने कहा कि दिल्ली सरकार के 34 अस्पतालों व एलोपैथिक डिस्पेंसरियों में करीब एक हजार फार्मासिस्ट हैं। इसमें करीब 250 कर्मचारी अनुबंध पर काम कर रहे हैं। जिन्हें वेतन बहुत कम मिलता है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में फार्मासिस्टों की कमी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मानकों के अनुसार 70 से 100 मरीज पर एक फार्मासिस्ट होना चाहिए। यहां अस्पतालों हजारों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इस वजह से एक-एक फार्मासिस्ट 500-1500 मरीजों को दवा देते हैं। इस वजह से मरीजों को दवा के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है, इसलिए अस्पतालों में अतिरिक्त काउंटर खोलने की जरूरत है।
इसके लिए फार्मासिस्टों के अतिरिक्त पद सृजित कर स्थायी नियुक्ति की जानी चाहिए। इसके अलावा फार्मेसी कर्मचारियों के लिए अब तक कोई कैडर नहीं है, इसलिए पदोन्नति का भी कोई प्रावधान नहीं है। लंबे समय से सरकार से कैडर बनाने की मांग की जाती रही है, लेकिन सरकार से सिर्फ आश्वासन हीं मिलता है।
ऐसे में मजबूरन एक दिन की हड़ताल की जाएगी। फिर भी यदि सरकार ने मांगे नहीं मानीं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। हड़ताल की घोषणा के मद्देनजर कई अस्पतालों में फार्मेसी के सामने यह लिखकर पोस्टर चस्पा दिया गया है कि सोमवार को फार्मेसी बंद रहेगी।
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