दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपने दो मंत्रियों के साथ उपराज्यपाल निवास पर पिछले 40 घंट से अधिक समय से तीन मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने धरने को अनिश्चितकालीन अनशन में तब्दील कर दिया है। वहीं, हालात के मद्देनजर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल बृहस्पतिवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में एलजी दिल्ली में राजनीतिक और प्रशासनिक संकट पर राजनाथ सिंह से सलाह-मशविरा करेंगे।
यहां पर बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हठ के चलते दिल्ली में प्रशासनिक संकट गहरा गया है। मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी मंत्रियों के धरने से जहां एक ओर राजनिवास बंधक बना हुआ है, वहीं सचिवालय सरकार के बिना चल रहा है। दोनों ही जगह न कोई बैठक हो पा रही है और न कोई फरियादी अपनी शिकायत देने आ रहा है। बृहस्पतिवार को भी इस हालात में सुधार नहीं हुआ और धरना चौथे दिन भी जारी है।
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर धरना देने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस पर सोमवार को सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता हरि नाथ ने दिल्ली सरकार के धरना देने को लेकर हाईकोर्ट में बृहस्पतिवार को याचिका दायर की गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया। याचिका में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हड़ताल पर बैठने से दिल्ली में संवैधानिक इमरजेंसी जैसी स्थिति आ गई है।
योजनाएं ठप पड़ गई हैं
वहीं, सीएम कार्यालय पर धरने पर बैठे भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि झुग्गी बस्तियां, ग्रामीण इलाके, अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोग आज भी जल बोर्ड के पानी के लिए तरस रहे हैं। इस बीच ‘आप’ से नाराज चल रहे कपिल मिश्रा ने कहा कि जब से केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष का पदभार संभाला है, तब से बोर्ड को भारी घाटा हो रहा है। भ्रष्टाचार अपनी जड़ें फैला रहा है और सभी योजनाएं ठप पड़ गई हैं। कपिल ने ट्वीट कर एक तस्वीर साझा की है। तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा कि ‘ये दिल्ली का CM ऑफिस हैं, हम दिल्ली के CM केजरीवाल के वेटिंग रूम में बैठे हैं, हम यहां “धरने” पर बैठे हैं।’
सरकार की नाकामी से लटके काम
वहीं, विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि पानी की आपूर्ति सुधारने के लिए विदेश से मिलने वाली करोड़ों रुपये की सहायता राशि का प्रयोग करने में दिल्ली जल बोर्ड विफल रहा है। जल आपूर्ति सुधारने के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक ने 2200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इससे वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर नई परियोजना शुरू होनी है। इसके लिए 350 करोड़ रुपये का टेंडर भी हुआ जिसे सरकार ने बिना जायज कारण के रद कर दिया। सिरसा ने बताया कि इसी तरह से जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी ने चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के अंतर्गत परियोजना स्थापित करने के लिए दो हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। यह काम भी सरकार की नाकामी से लटक गया है।