टैक्स अधिकारियों ने राजधानी में 100 बीघा से भी अधिक जमीन और कई कंपनियों के शेयरों को जब्त किया जिन्हें कथित तौर पर दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन से संबंधित बताया जा रहा है। अधिकारियों ने यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति के खिलाफ बनाए गए कानून के तहत की है। ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले के बाद एक बार फिर केंद्र और ‘आप’ सरकार के बीच संबंध तल्ख हो सकते हैं। एक सूत्र ने बताया कि जब्त की गई जमीन की कीमत 17 करोड़ रुपए जबकि शेयरों की कीमत 16 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस संबंध में 27 फरवरी को 4 संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी किया गया था।आयकर विभाग को 90 दिन के भीतर देना होगा जवाब
इंडो मेटलिमपेक्स, अकिंचन डिवेलपर, प्रयास इन्फोसोल्यूशन और मंगलायतन प्रॉजेक्ट को जारी किए गए नोटिसों में अधिकारियों ने बेनामी संपत्ति ट्रांजैक्शन ऐक्ट के तहत सत्येंद्र जैन पर कंपनियों से कैश पेमेंट के लिए गलत एंट्रियों के जरिए शेयर हासिल करने का दोषी ठहराया है। जैन को दिल्ली सरकार में काफी ताकतवर मंत्री माना जाता है। वह पीडब्ल्यूडी, ट्रांसपोर्ट और हेल्थ सहित कई अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं। कानून के मुताबिक, जब्ती के 90 दिन के भीतर संबंधित व्यक्तियों को आयकर विभाग को जवाब देना होता है।
इसके अलावा भी आय छिपाने के लिए भी दिल्ली सरकार के मंत्री पर अलग से इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत जांच की जा रही है। आयकर विभाग जिवेंद्र मिश्रा, अभिषेक चोखानी और राजेंद्र बंसल से जैन के संबंधों की जांच कर रहा है जो पहले से कोलकाता में टैक्स चोरी के आरोपी हैं। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पहले ही नरेंद्र मोदी सरकार पर दिल्ली पुलिस व अन्य केंद्रीय ऐजेंसियों के जरिए अपने मंत्रियों और विधायकों पर झूठे मामले दर्ज करने का आरोप लगाती रही है।