इतना ही नहीं चुनौती को पूरा करने के बाद खिलाड़ी को फोटो साझा करने के लिए कहा जाता है। याचिका में कहा गया है कि इस ब्लू व्हेल चैलेंज से बहुत से बच्चों और लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और उन्हें यह भी नहीं पता कि उनका जीवन खतरे में है औ इससे उनके परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस गेम को रोकने से भारत में सभी नागरिक लाभान्वित होंगे।भारत में 12 से 19 वर्षों के आयु वर्ग के छह से ज्यादा बच्चे इस खेल के कारण दो हफ्तों के अंतराल में अपना जीवन गवां चुके है। इस गेम के चलते रूस, चीन, सऊदी अरब, ब्राजील, अर्जेंटीना, बुल्गारिया, चिली और इटली सहित अन्य देशों से बच्चों की मौतों की सूचना मिली है।
दिल्ली हाईकोर्ट में आज इंटरनेट कंपनियों से ब्लू व्हेल गेम का लिंक हटाने का होगा बड़ा फैसला…
दुनिया भर में कई बच्चों की मौत यानि आत्मघाती खेल ब्लू व्हेल का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंच गया है। दायर जनहित याचिका में गूगल, फेसबुक और याहू जैसे इंटरनेट कंपनियों को ब्लू व्हेल के लिंक को हटाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी.हरि शंकर की खंडपीठ के समक्ष दायर इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होगी। भारत और विदेशों में बच्चों की मौत का हवाला देते हुए अधिवक्ता गुरुमीत सिंह ने यह याचिका दायर की है।
उन्होंने याचिका में मांग की है कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल ब्लू व्हेल चैलेंज से संबंधित किसी भी सामग्री को अपलोड करने से रोका जाए। इतना ही नहीं उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि दिल्ली पुलिस को इस मुद्दे पर कम से कम पांच सदस्यीय वाली विशेष टीम का गठन करे जो यह देखे के अदालत के आदेश पर अमल हो रहा है या नहीं।
अचानक लोकप्रिय हुआ है ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल
ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल अचानक लोकप्रिय हुआ है जिसके अंत में खिलाड़ी को आत्महत्या करने का टास्क दिया जाता है। भारत में भी कई बच्चों ने इस गेम के चलते आत्महत्या कर ली है। याची ने कहा कि ब्लू व्हेल चैलेंज कथित तौर पर एक आत्महत्या का खेल है जिसमें खिलाड़ी को 50 दिन की अवधि के लिए पूरा करने के लिए कुछ कार्य दिए जाते हैं और अंतिम कार्य आत्महत्या करने की ओर ले जाता है।