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क्रिकेट प्रेमियों को इंतजार है तो एक अंतरराष्ट्रीय मैच का। बिलासपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव विशाल जगोता का कहना है कि ठहरने और आने जाने की उचित सुविधा न होने से अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हो पा रहे हैं।
स्टेडियम में पांच हजार लोग वर्तमान में बैठ सकते हैं। जरूरत पड़ने पर इस क्षमता को 20 से 25 हजार तक किया जा सकता है।
दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर घास पर बैठने की व्यवस्था।
यहां स्टेडियम की दर्शक दीर्घा स्लोप वाली बनाई गई है तथा हरी घास लगाई गई है।
पांच हजार की क्षमता को बढ़ाकर 20 से 25 हजार तक किया जा सकता है।
तकनीक के हिसाब से दुनिया के आधुनिक तकनीक वाले स्टेडियमों में एक है।
मैदान में अंडर ग्राउंड फव्वारे, ऑटोमेटिक सिस्टम से ये जमीन से बाहर निकलते हैं।
युवराज सिंह एक्सीलेंसी ऑफ युवराज के नाम से क्रिकेट अकादमी की घोषणा कर चुके हैं।
बारिश के बाद 30 मिनट में मैदान खेलने लायक
भारी बारिश के बाद भी मैदान को 30 मिनट में खेलने लायक बनाया जा सकता है। मैदान में जमीन से 3 से 4 फीट नीचे यूरेटिड पाइपें बिछाई गई हैं। कुल मिलाकर ऐसी 267 पाइपें बिछी हैं जो जमीन से पानी को तुरंत सोख लेती हैं।
दुनिया के बड़े स्टेडियम में शुमार
लुहणू क्रिकेट स्टेडियम 82 मीटर रेडियस की गोलाई लिए हुए है। अंतरराष्ट्रीय मापदंड के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए क्रिकेट मैदान का रेडियस कम से कम 65 मीटर होना चाहिए।
ऐसे में बिलासपुर का क्रिकेट स्टेडियम बड़े क्रिकेट स्टेडियमों में से एक है। 260 फुट लंबा तथा 110 मीटर चौड़ा प्रैक्टिस एरिया भी है। इसमें 12 टर्फ विकेट, एक सिंथेटिक विकेट और एक कंक्रीट विकेट बना हुआ है।