दुनिया में इस समय बड़ी संख्या में जुड़वां बच्चे पैदा हो रहे हैं। ऐसा कृत्रिम गर्भाधान के तरीकों से हो रहा है। सबसे ज्यादा जुड़वां बच्चे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) के जरिये हो रहे हैं। यह असलियत एक वैश्विक अध्ययन में सामने आई है।
दुनिया में प्रतिवर्ष करीब 16 लाख जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। 1980 के बाद से यह सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। 1980 से पहले प्रति हजार प्रसव में जहां नौ जुड़वां बच्चे पैदा होते थे, उसके बाद यह संख्या बढ़कर 12 हो गई, जो बढ़ती जा रही है। जल्द ही यह संख्या अपने शिखर पर पहुंच सकती है। जुड़वां बच्चे ज्यादातर संपन्न देशों में पैदा हो रहे हैं। यूरोप और अमेरिका के दंपती जुड़वां बच्चे पैदा करने में सबसे आगे हैं। ये लोग गर्भाधान के कृत्रिम तरीकों का इस्तेमाल करके ऐसा कर रहे हैं। वे बार-बार की मुश्किल प्रक्रिया से बचने के लिए एक बार में ही दो बच्चे पैदा करना बेहतर मान रहे हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर क्रिश्चियन मंडेन का अध्ययन शुक्रवार को ह्यूमन रिप्रोडक्शन में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन में 165 देशों में पैदा हुए जुड़वां बच्चों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इसमें हाल के दशकों में सर्वाधिक वृद्धि उत्तरी अमेरिका में पाई गई। इसके बाद यूरोपीय देश और कुछ एशियाई देश भी जुड़वां बच्चों की बढ़ोतरी में भागीदारी निभा रहे हैं।
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