देश में दुष्कर्म के सर्वाधिक मामलों के दाग को लेकर सुर्खियों में रहने वाला मप्र अब पीड़िताओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए चर्चा में है। मप्र में पिछले आठ माह में दुष्कर्म के 13 मामलों में जिला अदालतों ने आरोपितों को फांसी की सजा सुनाई है।
यह पहला अवसर था जब स्वतंत्रता दिवस के भाषणों में आपराधिक घटनाओं में न्याय व्यवस्था में सुधार का हवाला दिया गया हो। मप्र में महिलाओं के शोषण के मामलों में पिछले तीन माह में सागर जिला कोर्ट द्वारा सोमवार को फांसी की चौथी सजा सुनाई गई है। चारों मामले नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के हैं, इनमें दो मामलों में ज्यादती के बाद आरोपियों द्वारा पीड़िताओं की हत्या कर दी गई थी।
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