गुरूवार से बाबा महाकाल के आंगन में शिव नवरात्रि का उल्लास बिखरना शुरू हो गया है। सुबह पंचामृत से जहां बाबा महाकाल का अभिषेक किया गया तो वहीं शाम के समय दूल्हे के रूप में भूत भावन महाकाल को सजाया गया। अद्भूत स्वरूप के दर्शन कर श्रद्धालु धन्य हो गये। पूरा गर्भग्रह के साथ ही नंदी हाॅल इत्र और फूलों की संुगध से महक उठा।
गुरूवार के दिन से महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि का मनाने का सिलसिला शुरू हो गया है। नौ दिनों तक बाबा महाकाल को विविध स्वरूपों सजाया जायेगा और अभिषेक पूजन भी विशेष रूप से किया जायेगा। कभी बाबा का अभिषेक फलों से होगा तो कभी गन्ने के रस से भी राजाधिराज को अभिषिक्त किया जायेगा। सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता मंदिर में दर्शन के लिये लगना शुरू हो गया था, यह क्रम रात तक जारी रहा। हालांकि शिव नवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं को नंदी हाॅल से ही दर्शन लाभ दिये गये, बावजूद इसके श्रद्धालु कतार में आकर राजाधिराज के दर्शन लाभ लेते रहे।
उज्जैन में ही मनती है-
गौरतलब है कि उज्जैन में महाकाल मंदिर ही एक मात्र ऐसा स्थान है जहां शिव नवरात्रि की धूम रहती है। इसकी तैयारियां बीते कई दिनों से पंडे पुजारियों द्वारा की जा रही थी।
वीआईपी की चुनौती से होगा निपटना
भले ही कलेक्टर संकेत भोंडवे ने यह दावा किया हो कि शिवरात्रि के दूसरे दिन होने वाली दोपहर की भस्मारती में किसी को बगैर अनुमति प्रवेश नहीं दिया जायेगा, बावजूद इसके मंदिर प्रशासन के अधिकारियों को वीआईपी दर्शनार्थियों की चुनौतियों से निपटना होगा। बीते वर्षों में भी इस तरह के दावे किये गये थे, लेकिन इसके बाद भी दोपहर की भस्मारती में वीआईपी का कब्जा दिखाई दिया। इसी तरह से महाशिवरात्रि के अवसर पर भी सामान्य दर्शनार्थियों के लिये बेहतर व्यवस्था करने का दावा किया गया है परंतु वीआईपी दर्शनार्थियों के आगे ये दावे कितने कायम रह सकेंगे यह तो शिवरात्रि के दिन ही सामने आ सकेगा।
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