भारतीय सास्कृति सबसे अलग है। यहा के लोगो की सोच भी थोड़ी अलग होती है। भारतीय समाज में परिवार में पल रही लड़की को बचपन मे ऐसा माहौल दिया जाता है। बचपन से ही सम्बन्ध के बारे मे लड़कियो को कुछ भी नही बताया जाता और सम्बन्ध बनाने जुड़ी हर प्रकार की जानकारी से दूर रखा जाता है। जिस से उसके मन मे सम्बन्ध बनाने को लेकर कईं प्रकार के डर जगह बना लेते है…बचपन से ही उन्हे
अंदर से एक भय सताता रहता है की क्या सम्बंध मे बहुत कुछ होता होगा..
किस चीज़ का होता है लड़कियो को डर !
लड़कियो यह मानती है कि फर्स्ट टाइम सम्बन्ध बनाने के दौरान काफी दर्द होता है, उनका मानना है की वो शायद उस दर्द को नही संभाल पाएँगी और ब्लीडिंग की वजा से भी उनका बचपन से ही उदास होने लग जाता है और ब्लीडिंग जैसी डर को कईं भ्रातियां लड़कियां अक्सर अपने दिल में पाल लेती है।
लेकिन सबसे ज्यादा डर दर्द से नही बल्कि किसी और ही चीज़ का होता है।
इन्फेक्शन भी कारण होता है….
जब लड़की पहली बार किसी के साथ सम्बंध बनती है तो उसके शरीर मे कुछ प्रकार के अंग अंदर से दर्द करने लगते है और वो सूजन का कारण भी बन बेत्ते है !
पहली बार के दौरान गुप्तांगों के भाग खुलते हैं इस कारण से शरीर के गुप्त भागों में कईं बार इन्फेक्शन या सूज़न आ जाती हैं जो दर्द का सबसे बड़ा कारण बन सकती है।
क्या कारण होता है बहुत अधिक दर्द होने का…
पहली बार के दौरान दर्द होना का कारण होता है शारीरिक भागों का खुलना। खुलते टाइम माशपेशियां खींच जाती हैं और दर्द होने लगता है।
ज्यादा दर्द होता है इन महिलाओ को…
कईं महिलायें ज्यादा दर्द के डर अपने दिमाग में डर बना लेती हैं और इन चीजों को बुरा मानने लगती हैं और सम्बन्ध के दौरान पुरुषों को सहयोग नहीं दे पाती तब भी ज्यादा दर्द की संभावना बन जाती हैं…
परवरिश की होती है कमी…
लड़कियों की बचपन से की गई परवरिश की भी कईं बार गलती होती है। उनकी परवरिश इस तरह से की जाती है की उनके मन में डर बैठ जाता है। वो नाम से घबराने लग जाती हैं उनको सुनने को मिलता है की सम्बन्ध के दौरान बहुत दर्द होता है। और ब्लीडिंग होती है। जिस के कारण लड़कियों के मन में डर बैठ जाता है।