बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री को 100 साल पूरे हो चुके हैं। इन 100 सालों में एक्टर-एक्ट्रेस की कॉस्ट्यूम में काफी बदलाव आया है। इनमें से कुछ कॉस्ट्यूम ऐसे रहे जो काफी लोकप्रिय हुए। लेकिन दर्शकों के मन में एक सवाल हमेशा आता होगा कि फिल्म खत्म होने के बाद इन कॉस्ट्यूम का क्या होता है। आज हम आपको बताते हैं कि जिन कपड़ों पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं उनका बाद में क्या किया जाता है।
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फिल्मों में इस्तेमाल के बाद हीरो-हीरोइन के कपड़े को नीलाम किए जाने की परंपरा काफी पुरानी है। फिल्म जंगली में शम्मी कपूर ने जो स्कार्फ बांधा था बाद में उसकी नीलामी कर दी गई थी। शम्मी कपूर का ये स्कार्फ एक लाख 56 हजार रुपए में बिका था।
संजय लीला भंसाली की हर फिल्म में एक्टर-एक्ट्रेस के कपड़े काफी महंगे होते हैं। फिल्म ‘देवदास’ में माधुरी दीक्षित ने ‘मार डाला’ गाने में 15 लाख रुपए की ड्रेस पहनी थी। इस ड्रेस में कई महंगे स्टोन लगे हुए थे। फिल्म के बाद इस ड्रेस को 3 करोड़ रुपए में नीलाम कर दिया गया था।
इसके अलावा शाहरुख खान की फिल्म रावन की ड्रेस, ‘मुझसे शादी करोगी’ में सलमान खान की तौलिया, फिल्म ‘लगान’ में आमिर खान का बैट और माधुरी दीक्षित की धक-धक गान की ड्रेस को लाखों रुपए में नीलाम किया गया जा चुका है। इस नीलामी से मिले पैसों को चैरिटी में दे दिया जाता है।
तो इसीलिए शाहरुख़ की वजह से रो रही थी अनुष्का शर्मा…
नीलामी के अलावा एक्टर-एक्ट्रेस की इन ड्रेस को फिल्म खत्म होने के बाद एक बॉक्स में रख दिया जाता है। बॉक्स के ऊपर लेबल लगा दिए जाते हैं। जिससे पता चले कि ये ड्रेस किस फिल्म में इस्तेमाल की गई थी।
ज्यादातर प्रोडक्शन हाउस उन ड्रेस को संभालकर रख लेते हैं। अगली फिल्म की शूटिंग में जूनियर आर्टिस्ट को पहनने के लिए देते हैं।
जो फिल्में हीरो-हीरोइन की दिल के करीब होती हैं। या जिन फिल्मों को बॉक्सऑफिस पर जबरदस्त सफलता मिलती है तो उसके हीरो-हीरोइन उन ड्रेस को अपने पास रख लेते हैं।
अगर डिजायनर किसी फिल्म के लिए विशेष रूप से ड्रेस तैयार करते हैं तो डिजायनर उन्हें वापस ले लेते हैं। बॉम्बे वेलवेट में अनुष्का शर्मा ने 35 किलो की एक ड्रेस पहनी थी। इस ड्रेस की डिजायनर निहारिका खान ने उसे वापस ले लिया था।