लोकायुक्त पुलिस की भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई जारी है। उज्जैन लोकायुक्त ने गुरुवार दोपहर कार्रवाई करते हुए एक घूसखोर अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा। उज्जैन लोकायुक्त ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए आदिम जाति कल्याण विभाग का बाबू समित रायकवार को रंगे हाथों गिरफ्तार।
लोकायुक्त एसपी के निर्देशन में ये कार्रवाई की गई। ये बाबू देवास कलेक्टर ऑफिस में ही रिश्वत ले रहा था। जैसे ही उसने रिश्वत के रुपए हाथ में लिए, लोकायुक्त की टीम ने उसे धरदबोचा। बाद में उसके हाथ धुलवाए तो रुपयों में केमिकल होने के कारण उसके हाथ रंगीन हो गए।
आरोपी बाबू ने सतवास तहसील के लोहारदा छात्रावास के निलंबित अधीक्षक मोहन प्रसाद कोरी की बहाली की फाइल आगे बढ़ाने की एवज में 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। कोरी ने बताया कि उसने 10 हजार रुपए 28 अगस्त को दे दिए थे। इसी रकम की दूसरी किश्त गुरुवार को देना तय हुई थी। लेकिन कोरी ने बाबू की इस हरकत के बारे में लोकायुक्त को शिकायत दर्ज कराई। योजना बनाते हुए लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने गुरुवार दोपहर 10 हजार रुपए लेते आरोपी बाबू समित रायकवार को रंगेहाथ धरदबोचा।
लोकायुक्त अधिकारियों को देखकर पहले ये बाबू एक पल के लिए सकपका गया। लेकिन कुछ ही पलों में उसे माजरा समझ में आ गया। लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत बाबू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।