नई दिल्ली। भारतीय सेवा क्षेत्र की गतिविधियां मार्च महीने में ग्रोथ ट्रैक पर लौट आई हैं। इसकी प्रमुख वजह नए कार्यों के प्रवाह में तेजी आना रही है। साथ ही कर्मचारियों का स्तर भी 7 साल के उच्चतम स्तर पर आ गया है। यह जानकारी एक मासिक सर्वे के जरिए सामने आई है।
निक्केई इंडिया का सर्विस बिजनेस एक्टिविटीज इंडेक्स सुधरकर मार्च महीने में 50.3 पर आ गया है जो कि फरवरी में 47.8 पर रहा था। यह बताता है कि इस दौरान बिजनेस गतिविधियों में स्थायित्व आया है। आपको बता दें की पीएमआई में 50 से ऊपर का स्तर बिजनेस में विस्तार को और इससे नीचे का स्तर बिजनेस में संकुचन का संकेत देता है, जैसा कि फरवरी में देखा गया था।
आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और इस रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने बताया, “इस तिमाही के अंत में भारत की सेवा गतिविधियां स्थिर थी, क्यों नए कामों का नए सिरे से विस्तार देखा गया। वहीं मांग की स्थितियों में भी सुधार के संकेत दिखाई दिए हैं। कुल मिलाकर, फरवरी के दौरान गतिविधि में गिरावट अस्थायी रही क्योंकि मार्च में भारत की समग्र अर्थव्यवस्था ग्रोथ ट्रैक पर लौट आई थी।”
मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 5 महीने के निचले स्तर पर, मार्च में PMI 51 पर पहुंचा
मार्च महीने में भारत की विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। ऐसा इसलिए कि कंपनियों में बिजनेस ऑर्डर की रफ्तार सुस्त रही है और उन्होंने नई भर्तियों के प्रति कम दिलचस्पी दिखाई है। यह बात एक सर्वे के जरिए सामने आई है।
निक्केई इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) जो कि फरवरी में 52.1 पर रहा था वो मार्च में गिरकर पांच महीने के निचले स्तर के साथ 51.0 पर आ गया है।