जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना मुख्यालय पर रविवार को आतंकियों ने हमला किया। आतंकियों के द्वारा किए गए इस आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद हुए। इस आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान और भारत में तो वाद विवाद चल ही रहा है वहीँ देश में नेताओं की आपसी मन मुटाव भी देखा जा रहा हैं। समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख अबु आजमी ने नव निर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे पर बड़ा हमला बोला है। अबु आजमी ने कहा है कि अगर राज में हिम्मत है तो पाकिस्तान के लाहौर और कराची में अपने आत्मघाती हमलावर भेजें। आजमी ने यह बयान राज की उस धमकी के बाद दिया हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी कलाकार 48 घंटे में भारत छोड़ें।इतना ही नहीं आजमी ने ये भी कहा कि अगर राज ठाकरे के अंदर भी हिम्मत है तो भारत सरकार के वैध वीजा पर देश में आने वाले लोगों को भयभीत करने की बजाय फिदायीन हमलावरों को कराची और लाहौर भेजो। आज़मी ने एमएनएस की इस धमकी को वोटबैंक की राजनीति करार दिया और कहा, ‘पाकिस्तान को भूल जाइए।

राज ठाकरे एक छोटे नेता हैं और आपकी पहुंच सिर्फ महाराष्ट्र तक ही सीमित है। आज गडचिरौली और चंद्रपुर में नक्सलियों द्वारा पुलिस और सुरक्षाबलों पर हमले किए जा रहे हैं। यदि आप कराची और लाहौर में कुछ नहीं कर सकते तो अपने कार्यकर्ताओं को कम से कम इन दो स्थानों पर भेजकर हमारे सुरक्षाबलों की सहायता ही कर दीजिए। ऐसा करने के बाद मैं समझूंगा कि आप वास्तव में कुछ कर रहे हैं। पाकिस्तान के आए खिलाडिय़ों और कलाकारों को धमकी देने के बजाय आप भारत में पाकिस्तानी दूतावास बंद कर दें, ताकि पाकिस्तानियों को भारत आने का वीजा ही मिलना बंद हो जाए , फिर समझा जाएगा कि आपने कुछ किया है। जिस समय भारतीय नेताओं को एक साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए तो अभी भी भारतीय नेता वोट बैंक की राजनीती लड़ रहे हैं । एक दुसरे पर वार करने का मौका नहीं छोड़ रहे ।
इतना ही नहीं कांग्रेस भी इस मामले में कैसे चुप बैठ सकती हैं । कांग्रेस ने मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मोदी इतने दिनों तक क्यों शांत बैठे थे ? कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि उन्होंने वहां की स्थिति के बारे में संसद को छोड़कर मध्य प्रदेश में बयान दिया। अब देखना ये होगा कि कब भारतीय नेता आपसी रंजिसों को भुलाकर देश की समस्या पर एक जुट होकर कोई समाधान निकालेंगे । वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि भारतीय नेता आपस में वाद विवाद कर रहे हैं और शायद यही वजह है कि पडोसी देश भारत की इस कमजोरी का नाजायज फायदा उठा भारत को नुकसान पहुचाते हैं ।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features