लखनऊ: पूरी दुनिया में आज विश्व पर्यावरण दिवस मनाई जा रही है। इस दिन को मनाने का मकसद है दुनिया वालों को पर्यावरण के लिए सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जागरूक करना। हर साल इस दिन के लिए एक खास थीम होती है। इस साल की थीम है प्लास्टिक प्रदूषण से धरती को दूर रखना। इस दिन को दुनियाभर में मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने साल 1972 में की थी लेकिन पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 को मनाया गया था और इस बार 45वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है।
जिनेवा ने दुनिया के 15 उन शहरों की सूची जारी की है जो सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं। इस सूची के अनुसार टॉप 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर भारत के ही हैं। पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर का नाम है। जहां 173 पीएम 2.5 प्रदूषण है। पीएम 2.5 ऐसे प्रदूषणकारी तत्वों को दर्शाते हैं जिनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम होता है।
ठोस प्रदूषक तत्वों और तरल पदार्थों के मिश्रण से बने ऐसे कण व्यक्ति के फेफड़ों और रक्तक्त प्रवाह तक पहुंच सकते हैं और सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। सूची के अनुसार 172 पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर के साथ फरीदाबाद दूसरे नंबर पर और 151 पीएम 2.5 के साथ वाराणसी तीसरे स्थान पर काबिज है। 149 पीएम 2ण्5 के साथ गया चौथे नंबर पर तो बिहार की राजधानी पटना में 144 पीएम 2ण्4 स्तर का प्रदूषण है।
भारत की राजधानी दिल्ली में 143 पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर है। सूची में बेशक दिल्ली को छठा स्थान मिला है लेकिन प्लास्टिक कचरे के मामले में दिल्ली पहले स्थान पर काबिज है।
दिल्ली से रोजाना 689.52 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सांतवे स्थान पर है। आगरा आठवें, मुजफ्फरपुर नौवें और श्रीनगर दसवें नंबर पर काबिज है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यानि सीपीसीबी ने हाल ही में दावा किया था कि 2016 की तुलना में साल 2017 में वायु प्रदूषण के स्तर में काफी सुधार हुआ है। हालांकि बोर्ड ने अभी तक 2017 के लिए हवा में मौजूदा पीएम 2.5 का डाटा जारी नहीं किया है।