प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिर (जूनागढ़) में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की सातवीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने देश में पहली बार नदी में डॉल्फिन की संख्या का अनुमान लगाते हुए रिपोर्ट जारी की है। इनकी संख्या अब 6,327 होने का अनुमान है।
यह आकलन भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून ने वर्ष- 2021 से 2023 में किया है, इसमें 105 शोधकर्ताओं ने कार्य किया है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक वीरेंद्र तिवारी के मुताबिक पिछली बार नमामि गंगा के तहत जो आकलन हुआ था, वह केवल गंगा और उसकी सहायक नदियों में किया गया था, उसमें संख्या 3500 थी। इस बार ब्रह्मपुत्र समेत कई नदियों में काम किया गया हैं।
यह संख्या अब 6327 है, यह बड़ी खुशी की बात है। आकलन में 105 रिसर्चर, वन विभाग के 105 कर्मी और गैर सरकारी संगठन के 32 लोग शामिल थे। इस आकलन के कार्य का नेतृत्व डॉ.कमर कुरैशी और विष्णु प्रिया ने किया। कहते हैं कि जो रिपोर्ट आई है, उससे डॉल्फिन के संरक्षण के कार्यों में और मदद मिलेगी। भविष्य में बाघ की तर्ज पर एक निश्चित अंतराल पर डॉल्फिन के आकलन की रिपोर्ट को जारी करने की योजना है।
डॉल्फिन आकलन को लेकर आठ राज्यों की 28 नदियों का सर्वेक्षण किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 2397 डॉल्फिन मिली हैं। बिहार में 2220, पश्चिम बंगाल में 815, असम में 635, झारखंड में 162, राजस्थान-मध्य प्रदेश में 95 और पंजाब में 3 डॉल्फिन का पता चला है।
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