New Delhi : देश में नये नियम लागू होने जा रहे हैं। देश के रियल एस्टेट क्षेत्र, PNB की ओर से सस्ती लोन दरें, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव और बैंक खाते को आधार से जोड़ने की अंतिम तारीख जैसे नियम लागू होने वाले हैं।

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रियल एस्टेट से जुड़ा कानून RERA : उपभोक्ताओं के अधिकार की सुरक्षा और पारदर्शिता लाने के वादे के साथ बहुत-प्रतीक्षित रियल एस्टेट अधिनियम रेरा (RERA) एक मई 2017 से से लागू हो रहा है। हालांकि अब तक केवल 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ही इन नियमों को अधिसूचित किया है। सरकार ने उपभोक्ता-केंद्रित इस अधिनियम के कार्यान्वयन का उल्लेख करते हुए इसे एक ऐसे युग की शुरुआत बताया है जहां उपभोक्ता ही सबकुछ होगा।
परियोजनाओं और रियल एस्टेट एजेंटों के अनिवार्य पंजीकरण के अलावा इस अधिनियम के कुछ प्रमुख प्रावधानों में परियोजना के निर्माण के लिए एक अलग बैंक खाते में खरीदार से एकत्रित धन का 70 फीसद हिस्सा जमा कराना शामिल है। यह परियोजना के समय पर पूरा होने को सुनिश्चित करेगा क्योंकि केवल निर्माण उद्देश्यों के लिए ही धन निकाला जा सकता है।
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पांच शहरों में रोज घटेंगे बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम : शुरुआत में यह फैसला पुडुचेरी, विशाखापटनम, उदयपुर, जमशेदपुर और चंडीगढ़ में लागू होगा। भारत पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी) और हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल) की यह मांग रही है कि अब रोजाना पेट्रोल-डीजल के दाम तय किए जाएं। यह तीन तेल कंपनियां देश के कुल पेट्रोल पंप में से 95 फीसद की हिस्सेदारी रखते हैं। देश में कुल 58000 पेट्रोल पंप हैं। यह तेल कंपनियों पांच राज्यों में एक पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करेंगी जो की आगे चलकर देशभर में लागू कर दी जाएंगी।
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पीएनबी ने एमसीएलआर में की कटौती : पंजाब नेशनल बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 0.15 फीसद तक की कटौती करने की घोषणा कर दी है। इस फैसले से बैंक के नये लोन एक मई, 2017 से प्रभावी हो जाएंगे। आपको बता दें कि नया एमसीएलआर 8.05% से 8.65% के बीच होगा। दरअसल ये मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स पर आधारित लेंडिंग रेट है जो कर्ज दरें तय करने के लिए बैंकों का फॉर्मूला है। एमसीएलआर, बॉरोइंग रेट और डिपॉजिट रेट के आधार पर तय होता है।
बैंक खाते को आधार से जोड़ना :बैंक या दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन में अकाउंट खोला है तो आपको 30 अप्रैल तक नो योर कस्टमर (केवाईसी) डिटेल या आधार नंबर देना होगा। ऐसा नहीं करने पर आपका अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाएगा। ऐसे में आपके पास यह काम करने के लिए सिर्फ एक दिन का वक्त बचा है। ऐसा नहीं करने पर आपका खाता ब्लॉक भी किया जा सकता है। हालांकि, ऐसी सभी खाताधारकों के साथ नहीं होगा, बल्कि जिनके खाते 1 जुलाई 2014 से 31 अगस्त 2015 के बीच खुले हैं, उन्हें ही एफएटीसीए नियमों का पालन करना है। आपको बता दें कि आरबीआई और आयकर विभाग के निर्देशों के मुताबिक बैंक उपभोक्ताओं को अपने खातों को आधार नंबर से लिंक कराना जरूरी कर दिया गया है।
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