देश में इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग को सरकार की तरफ से मिल रहा प्रोत्साहन कंपनियों को रास आ रहा है। इस क्षेत्र में भारत में मोबाइल हैंडसेट निर्माण करने वाली कंपनियों की रुचि लगातार बढ़ रही है। इसी क्रम में चीन की स्मार्टफोन हैंडसेट निर्माता शाओमी ने देश में तीन नई उत्पादन इकाइयां लगाने का एलान किया है। मोबाइल हैंडसेट के अलावा कलपुर्जे बनाने वाली अन्य सहयोगी कंपनियों ने भी भारत में इकाइयां लगाने में रुचि दिखायी है।
शाओमी ने सोमवार को देश में सप्लायर इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया। इसमें करीब 50 सप्लायर कंपनियों ने हिस्सा लिया। शाओमी का कहना है कि यदि कलपुर्जों की आपूर्ति करने वाली सभी कंपनियां भारत में इकाइयां लगाती हैं तो देश में करीब 15000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना बनेगी।
शाओमी इंडिया के प्रबंध निदेशक मनु जैन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि फिलहाल देश में स्मार्टफोन बनाने वाली शाओमी की दो इकाइयां हैं। अब कंपनी तीन नई इकाइयां और स्थापित कर रही हैं। ये उत्पादन इकाइयां आंध्र प्रदेश के श्री सिटी और तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में लगायी जाएंगी। तीनों ही इकाइयां फॉक्सकॉम के सहयोग से स्थापित की जा रही हैं।
इसके अतिरिक्त शाओमी ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में हाईपैड के सहयोग से स्थापित पावर बैंक बनाने वाली इकाई में भी स्मार्टफोन की मैन्यूफैक्चरिंग शुरू कर दी है। तीन नई इकाइयां लगने के बाद शाओमी की स्मार्टफोन निर्माता इकाइयों की संख्या छह हो जाएगी।
आज की तारीख में शाओमी भारत में बिकने वाले अपने स्मार्टफोन का 95 फीसद निर्माण भारत में ही करती है। कंपनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के तहत साल 2015 में ही फॉक्सकॉन के सहयोग से पहला प्लांट भारत में लगाया था।
दूसरा प्लांट मार्च 2017 में लगा और नोएडा में पावर बैंक बनाने वाली इकाई ने नवंबर 2017 में काम करना शुरू किया। तीन नए प्लांट के अलावा शाओमी ने श्रीपेरुंबदूर में प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीएसबीए) के निर्माण की इकाई लगाने का भी एलान किया है। यह इकाई भी फॉक्सकॉन के सहयोग से लगायी जा रही है।
पीएसबीए स्मार्टफोन का सबसे अहम पुर्जा है और यह स्मार्टफोन की कीमत का 50 फीसद वहन करता है। स्थानीय स्तर पर इसकी मैन्यूफैक्चरिंग शुरू होने से स्मार्टफोन की कीमत में भी काफी कमी आएगी।