लखनऊ ,13 दिसम्बर अपने इलाके में वह शहर में विकास की मांग को लेकर मेरठ का रहने वाला एक व्यक्ति, अपने एक साथी व दो मासूम बच्चों के साथ मंगलवार की सुबह पानी की टंकी पर चढ़ गया। अधिकारियों के समझाने पर भी वह किसी की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। उसके हाथ में दो लीटर पेट्रोल है और वह बार-बार आत्मदाह की धमकी दे रहा है। सुबह 6 बजे पानी टंकी पर चढ़े इस व्यक्ति को शाम 6 बजे किसी तरह समझा बुझाकर नीचे उतारा गया। मेरठ के लिसाड़ीगेट इलाके का रहने वाले जियाउल हक खुद को समाज सेवक बताता है। सोमवार की रात वह मेरठ से ट्रेन से लखनऊ पहुंचा।
इसके बाद वह चारबाग से सीधे हसनगंज के मदेयगंज आ गया। रात गुजारने के बाद सुबह करीब 6 बजे जियाउल हक, अपने एक साथी इरशाद, बेटे फहद व बेटी रूशदा के साथ मदेयगंज स्थित पानी टंकी के ऊपर चढ़ गया। इसके बाद उसने एक चिट्ठी नीचे फेंकी। लोगों ने जब उसकी चि_ïी पढ़ी तो पता चला कि वह अपनी मांग पूरी कराने के लिए पानी की टंकी पर चढ़ा है। इसके बाद लोगों ने सूचना पुलिस को दे दी। सूचना मिलते ही मौके पर हसनगंज पुलिस भी पहुंच गयी। पुलिस ने जैसे ही जियाउल हक को नीचे उतरने के लिए कहा उसने अपने पास मौजूद दो लीटर पेट्रोल से आत्मदाह करने की चेतवानी दी। जियाउल हक के पास दो लीटर पेट्रोल की बात सुन पुलिस भी सन्न रह गयी। इसके बाद पुलिस ने इस बारे में अधिकारियों को बतया। मौके पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के अलावा फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी पहुंच गयी।
वहीं जियाउल हक, उसके साथी व बच्चों को पानी की टंकी पर चढ़ा देख वहां लोगों का हुजुम जमा हो गया। पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने कई बार जियाउल से बातचीत कर उसको नीचे उतारने का प्रयास किया पर वह कभी बच्चों को नीचे फेंकने तो कभी पेट्रोल डालकर आग लगाने की धमकी दे रहा था। जियाउल हक की मांग थी कि उसके इलाके में विकास नहीं हुआ है। विकास की मांग को लेकर वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात करना चाहता है। अधिकारियों ने उसको सीएम से मिलनवाले का आश्वासन दिया पर वह मानने के लिए राजी नहीं था। जियाउल हक मौके पर सीएम को बुलाने की मांग पर अड़ा था।राज्यमंत्री यामीन खान ने संभाला मोर्चा किसी तरह शाम 6 बजे सभी लोग टंकी से उतरे पानी की टंकी पर चढ़े जियाउल हक को समझाने में जब पुलिस व प्रशासन के अधिकारी फेल हो गये तो इलाके में ही रहने वाले राज्यमंत्री यामीन खान को मौके पर आना पड़ा। उन्होंने भी जियाउल हक को हर तरीके से समझाने-बुझाने की कोशिश की पर जियाउल हक उनकी भी बात सुनने के लिए तैयार नहीं था।
यहां तक तो वह यामीन खान को राज्यमंत्री ही नहीं मान रहा था। इसके बाद यामीन खान ने मुख्यमंत्री के साथ अपनी फोटो दिखायी तब जाकर जियाउल हक ने यामीन खान को राज्यमंत्री माना। राज्यमंत्री ने जियाउल हक को बताया कि उसकी मांग जल्द ही मान ली जायेगी और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की जायेगी। बावजूद इसके जियाउल हक उसकी मांग को मांनते हुए टीवी पर मुख्यमंत्री को बोलते हुए देखने की बात कहने लगा। जियाउह हक की इस जिद को देख राज्यमंत्री यामीन खान को भी बेकफुट पर आना पड़ा। इसके बाद जियाउल हक ने राज्यमंत्री से खाने के लिए पांच पूड़ी के पैकेट मांगे। जियाउल हक, उसका दोस्त इरशाद व बच्चे सुबह से ही पानी टंकी पर चढ़े थे और घंटों से वह लोग बिना कुछ खाये पीये ही खड़े थे।
राज्यमंत्री यामीन खान लगातार जियाउल हक को समझाने और बुझाने में लगे थे। इस बीच मकरीब की अजान होने लगी। पानी की टंक्ी पर चढ़े जियाउल हक ने टंकी पर ही नमाज को आद किया। इसके बाद शाम करीब 6 बजे राज्यमंत्री अपने इस मकसद में कामयाब हो गये और किसी तरह जियाउल हक ने उनकी बात मानते हुए नीचे उतरने का फैसला किया। टंकी से जैसे ही जियाउल हक, उसका साथी व दोनों बच्चे नीचे उतरे उसे हीह राज्यमंत्री जियाउल हक व उसके दोनों बच्चों को अपनी गाड़ी में बैठाकर वहां से चले गये। इरशाद पुलिस व सिविल डीफेंस के लोगों ने पीटा लोगों ने विरोध में किया हंगामा पानी की टंकी से जियाउल हक का साथी इरशाद जैसे ही उतारा, वैसे ही पुलिस के कुछ लोगों ने सिविल डीफेंस के लोग उस पर टूट पड़े। आरोप है कि इस दौरान उन लोगों ने इरशाद को दो तीन झापड़ मार दिये। पुलिस व सिविल डीफेंस के लोगों की इस हरकत से इलाके के लोग भड़क उठे और हंगामा शुरू कर दिया।
इस दौरान लोगों व पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। किसी तरह सीओ व एडिशनल एसपी ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद इरशाद को दूसरी गाड़ी से वहां से भेज दिया गया। जियाउल हक की कुछ मांगे 1-उसके घर के ऊपर से हाईटेंशन तार हटाया जाये। कुछ समय पहले उसके पिता की हाईटेंशन तार की चपेट में आने से मौत हो गयी थी। 2-गांव में एटीएम, डाकघर, इंटर कालेज, अस्पताल, बैंक व स्कूल खोले जाये। 3- इलाके के साथ ही मेरठ शहर का भी विकास कराया जाये। 4- बीच बीच में जियाउल हक मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण की मांग भी कर रहा था। 2007 में भी हजरतगंज में चढ़ा था पानी की टंकी पर मेरठ जनपद निवासी जियाउल हक वर्ष 2007 में भी इसी तरह अपनी मांगों को लेकर हजरतगंज इलाके में एक पानी की टंकी पर चढ़ गया था।
उस वक्त भी बड़ी मान मुनव्वल के बाद अधिकारियों ने उसको नीचे उतरा था। इसके पहले भी जियाउल हक अपनी मांगों को लेकर दो बार मेरठ जनपद में भी पानी की टंकी पर चढ़ चुका है। हमेशा अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद टंकी से नीचे उतर आता था पर मंगलवार की सुबह पानी की टंकी पर चढ़ा जियाउल हक किसी की भी बात सुनने के लिए राजी नहीं था। पानी टंकी के पास लगा लोगों को मेला कई बार हुआ ट्रैफिक जाम, पुलिस ने लोगों को खदेड़ा जियाउल हक, उसके साथी व बच्चोंं के पानी टंकी पर चढ़ते ही सुबह से वहां लोगों की भीड़ जमा होने लगी।
दोपहर तक तो भीड़ का आलम यह था कि सड़क पर वाहनों के चलने की जगह नहीं रह गयी थी। ट्रैफिक जाम खुलवाने व भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने कई बार भीड़ पर हलका बल का प्रयोग करते हुए उसको वहां से खदेड़ा। कुछ देर के लिए भीड़ छट जाती थी, पर थोड़ी ही देर के बाद फिर से भीड़ जमा हो जाती थी। सिर्फ मदेयगंज ही नहीं दूर-दूर से लोग पानी की टंकी पर चढ़े लोगों को देखने के लिए आ रहे थे। वहीं उधर से गुजर रहे वाहन चालक भी गाडिय़ां रोक-रोक कर इस मंजर को देख रहे थे। एक तरफ पुलिस जहां जियाउल हक को मानने में लगी थी, वहीं दूसरी तरह भीड़ को नियंत्रित करने और ट्रैफिक को चालू रखने में पुलिस के पसीने छूटे जा रहे थे। पुलिस के लाख समझाने के बाद भी भीड़ वहां से हटने के लिए तैयार नहीं थी।