प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जापानी समकक्ष शिंजो अबे और ऑस्ट्रेलिया के पीएम मैल्कम टर्नबुल के साथ अलग-अलग मुलाकात कीं। इस दौरान चतुर्भुज गठबंधन की उभरती पृष्ठभूमि में भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक नई रणनीति बनाने पर फोकस किया गया।ये है साल के सबसे खतरनाक भूकंप की Photos, 400 मरे, 6700 घायल
आसियान शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन मोदी ने जिन राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की उनमें ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बी. ओलकिया, न्यूजीलैंड के पीएम जैकिंद अर्दर्न और वियतनाम के प्रीमियर गुयेन शुआन भी शामिल थे।
मोदी ने उनके साथ कारोबारी क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों के अलावा निवेश और समुद्री सुरक्षा पर भी चर्चा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ चीन द्वारा भारत-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य निर्माण की मजबूती पर हुई व्यापक वार्ता के एक दिन बाद प्रधानमंत्री ने अबे और टर्नबुल के साथ बैठकें कीं।
इससे पहले रविवार को भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका ने चतुर्भुज गठबंधन को आकार देने के लिए पहली बैठक कर चुके हैं।
मोदी ने ट्वीट किया कि मेरे दोस्त शिंजो अबे और मैंने भारत-जापान संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और हमारी अर्थव्यवस्थाओं व लोगों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
अधिक जानकारी दिए बिना विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं में अपने-अपने देशों के बीच सहयोग तथा विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी पर चर्चा हुई।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम टर्नबुल ने मोदी से हुई मुलाकात को प्रॉडक्टिव बताते हुए कहा कि हमारी बातचीत आर्थिक सहयोग, सुरक्षा और आतंकवाद के खात्मे पर केंद्रित थी। मोदी की उनके वियतनामी समकक्ष से रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग समेत कई मुद्दों पर बातचीत हुई।
समूह के नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, भारत चाहता है कि इस क्षेत्र में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की भूमिका और बड़ी होनी चाहिए।
मोदी ने कहा, ‘मैं क्षेत्र में राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों के समाधान को लेकर आपके साथ काम करने की प्रतिबद्धता को दोहराता हूं।’ उन्होंने कहा कि आसियान ने ऐसे से काम शुरू किया जब वैश्विक विभाजन अधिक था लेकिन यह आज उम्मीद की किरण के रूप में चमक रहा है।
उन्होंने आसियान को शांति और समृद्धि का प्रतीक बताया। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन एक प्रमुख मंच है, जिसमें 10 आसियान देशों के अलावा चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं।