कुंडली में सूर्य मजबूत होने पर जातक को करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। वहीं कमजोर होने पर जातक को जीवन में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष कुंडली में सूर्य मजबूत करने की सलाह देते हैं। सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही सभी प्रकार की मानसिक और शारीरिक परेशानी से भी मुक्ति मिलती है।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को पिता का कारक बताया गया है। कुंडली में सूर्य मजबूत होने पर जातक को करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। वहीं, कमजोर होने पर जातक को जीवन (करियर और कारोबार) में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अतः ज्योतिष कुंडली में सूर्य मजबूत करने की सलाह देते हैं। सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही सभी प्रकार की मानसिक और शारीरिक परेशानी से भी मुक्ति मिलती है। अगर आप भी अपने करियर और कारोबार को नया आयाम देना चाहते हैं, तो धनु संक्रांति के दिन ये चमत्कारी उपाय जरूर करें। आइए, उपाय जानते हैं-
उपाय
- कुंडली में सूर्य मजबूत करने हेतु धनु संक्रांति के दिन गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अगर सुविधा है, तो पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें। इस समय आचमन कर स्वयं को शुद्ध करें और पीले रंग का वस्त्र धारण (पहनें) करें। इसके पश्चात, कलश में कुमकुम मिश्रित जल लेकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस समय ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें। इस उपाय को प्रतिदिन कर सकते हैं। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है।
- सूर्य देव का आशीर्वाद पाने हेतु धनु संक्रांति पर विधि-विधान से भगवान भास्कर की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय सूर्य चालीसा का सूर्य कवच का पाठ करें। आप सूर्य देव के 108 नामों का मंत्र जाप भी कर सकते हैं। इस उपाय को करने से साधक पर सूर्य देव की कृपा बरसती है।
- कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने हेतु धनु संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान के पश्चात सूर्य उपासना करें। साथ ही गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर होते हैं।
- संक्रांति तिथि पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। अतः धनु संक्रांति पर स्नान-ध्यान के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें। ज्योतिषियों की मानें तो भगवान विष्णु की पूजा करने से कुंडली में गुरु मजबूत होता है। गुरु सुखों के कारक माने जाते हैं। इसके पश्चात आर्थिक स्थिति के अनुरूप दान अवश्य करें। इस उपाय को करने से भी सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।