दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को अलविदा कह दिया। ब्रह्मांड के रहस्यों को बताने वाले वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को हुआ था। अभी हाल ही उन्होंने ब्रह्मांड को लेकर एक चौंकाने वाली बात बताई थी। दरअसल, स्टीफन ने हाल ही में बिगबैंग के पहले के संसार के बारे में कुछ ऐसा बताया था, जिसे जानकर पूरी दुनिया अचंभे में है।
ऐसी ही एक चौंकाने वाली खोज की है अमेरिका में नासा के साइटिस्टों ने… यह वाकयी अकल्पनीय है। दरअसल, नासा के वैज्ञानिकों ने हबल टेलीस्कोप की मदद से रेलिक गैलेक्सी का पता लगाया है। आप शायद ही यकीन करें, आकाशगंगा के मुकाबले रेलिक गैलेक्सी में तारों की संख्या दोगुनी है।
यह अब तक वैज्ञानिकों के सामने ही नहीं आया था। यहां स्टीफन हॉकिंग की वो बात सही साबित होती है कि स्पेस में आप रिसर्च के लिए जहां से भी शुरूआत करेंगे आपको इसका अंत नहीं मिलेगा क्योंकि स्पेस अनंत है। मतलब आपको हर बार यही लगेगा कि आप वहीं खड़े हैं जहां से आपने शुरुआत की थी।
यह भी कुछ ऐसा ही है। वैज्ञानिकों ने पहले आकाशगंगा की खोज की थी और अब रेलिक गैलेक्सी की खोज की है। बताया जा रहा है कि रेलिक गैलेक्सी आकाशगंगा के पिछले हिस्से में मिली है। आकाशगंगा के मुकाबले रेलिक गैलेक्सी में तारों की संख्या दोगुनी है। इससे पहले वैज्ञानिकों का मानना था कि एनजीसी 1277 में आकाशगंगा की तरह गोलाकार समूह नहीं है।
आकाशगंगा में नीले और लाल दोनों रंग के मेटल मौजूद हैं लेकिन एनजीसी 1277 में ब्लू ग्लोब्लर क्लस्टर की कमी है। स्पेन की ला लागुना यूनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले माइकल बेस्ली ने बताया कि मैं लंबे समय से ग्लोबल क्लस्टर का अध्ययन कर रहा हूं, लेकिन इस तरह का ग्लोबल क्लस्टर मैंने पहली बार देखा है।
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