धर्म परिवर्तन को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ये फैसला ऐसे मामले में दिया है, जिसे लव जिहाद से जोड़कर देखा जा रहा था।

धर्म परिवर्तन कर निकाह करने के मामले में शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि धर्म परिवर्तन करने से पूर्व जिला कलेक्टर को आवेदन करना पड़ेगा। इसके बाद अनुमति मिलने पर धर्म परिवर्तन किया जा सकेगा।
हाईकोर्ट ने ये निर्देश पायल सिंघवी के आरिफा बनने के बहुचर्चित मामले में दिया। इस मामले में हुए धर्म परिवर्तन को लेकर एडवोकेट नीलकमल बोहरा ने राजस्थान हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी।
इस मामले में जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने संज्ञान लेते हुए धर्मपरिवर्तन को गंभीरता से लिया था। इस गृह सचिव को तलब कर सरकार से धर्मपरिवर्तन कानून के बारे में जानकारी मांगी थी। सरकार की ओर से जवाब प्रस्तुत कर दिया गया।
इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवकुमार व्यास व वरिष्ठ अधिवक्ता मेघराज सिंघवी ने धर्मपरिवर्तन के बारे में गाइडलाइन जारी करने की गुहार की थी। सुनवाई के दौरान आज जस्टिस व्यास व जस्टिस वीरेन्द्र कुमार माथुर की खंडपीठ ने इस मामले में आज गाइडलाइन जारी करते हुए आदेश पारित किया।
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