धान की रोपाई की तैयारी में जुटे किसानों को सोमवार रात की बारिश ने बड़ी राहत दी है, जबकि सब्जी किसानों की मुसीबत बढ़ गई है। बीते सोमवार रात करीब 12 बजे से मंगलवार सुबह 5.30 बजे तक करीब 94.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। बुधवार दिन में भी रुक-रुककर बारिश होती रही।
किसानों ने तेज की रोपाई
इस बारिश से धान की खेती करने वाले किसानों के चेहरे खिल गए हैं। करीब 50 फीसद से अधिक किसान धान की नर्सरियां डाल चुके हैं। उन्हें अब खेतों की रोपाई के लिए पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। बारिश के साथ ही किसानों ने रोपाई तेज कर दी है। जिले में करीब 1.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की खेती होती है।
पानी में सड़ने लगेंगी हरी सब्जियां
हालांकि इस बारिश से सब्जियों की खेती करने वालों के अरमानों पर पानी फिर गया है। जिले में करीब 10 हजार हेक्टेयर में परवल, लौकी, तराई, नेनुआ, कद्दू, भिंडी, बैगन, कुनरू, आदि सब्जियों की खेती होती है। खेतों में पानी लगने से सब्जियां सडऩे लगेंगी। सब्जियों के अधिकांश फूल बारिश के चलते टूट गए हैं। कैंपियरगंज क्षेत्र के ग्राम राजपुर के जोखन गौड़ का कहना है कि लॉकडाउन के चलते सब्जियों की उचित कीमत नहीं मिल रही थी। इधर कीमत में थोड़ा सुधार दिख रहा था, लेकिन इस बारिश से सब्जी किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। गाहासाड़ के किसान राजेन्द्र का कहना है कि सब्जी की खेती करने वालों को इस बारिश से भारी नुकसान हुआ है। बहरामपुर के संतोष यादव का कहना है कि बारिश के चलते आम के फल जल्दी तैयार होंगे। ढैंचे की खाद जल्द तैयार होगी।
यह बारिश धान की खेती करने वालों के लिए सौगात है। धान की नर्सरियां तैयार हैं तो रोपाई का कार्य शुरू कर दें। सब्जी की खेती करने वालों के बड़ी चुनौती है। उन्हें खेतों में जमा पानी निकालना होगा। खेतों में माइक्रो न्यूट्रीएंट के साथ हल्का यूरिया स्प्रे करें। ढैंचे के लिए भी बारिश उपयुक्त है। उसे खेतों में पलटकर रोटावेटर चलाएं। – डॉ. एसके तोमर, प्रभारी, कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार