धान खरीद का पोर्टल हुआ बंद, पढ़ें पूरी खबर ..
कुमाऊं मंडल के 200 सरकारी धान खरीद केंद्रों पर लक्ष्य पूरा हो गया है। जिस वजह से ऐसे किसानों की चिंता बढ़ गई है, जिनकी धान की फसल अभी बची हुई है। किसानों का कहना है कि यदि सरकारी केंद्रों पर खरीद नहीं हुई तो उन्हें औने पौने दामों में धान बिचौलियों को बेचना पड़ेगा। सबसे अधिक केंद्र ऊधम सिंह नगर के हैं, जहां किसान कोटा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
इस बार एक अक्टूबर से कुमाऊं मंडल के 244 सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद हुई। जिनमें शामिल आरएफसी के 30 और अन्य 214 क्रय केंद्रों पर खरीद का लक्ष्य 2.25 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक अब तक 200 से अधिक केंद्रों पर लक्ष्य पूरा होने के कारण धान खरीद का पोर्टल बंद कर दिया गया है।
ऐसे में कई किसान अब भी ऐसे हैं, जिनके धान की कटाई देरी से होने के कारण क्रय केंद्रों पर नहीं पहुंच पाया। विभाग की ओर से 31 जनवरी तक खरीद का समय निर्धारित किया गया है। इसलिए किसानों ने क्रय केंद्र तक पहुंचने में जल्दबाजी भी नहीं दिखाई। परंतु समय से पूर्व लक्ष्य पूरा होने के कारण किसानों को खुले बाजार में धान बेचने की नौबत आ गई है। जिसमें उन्हें 500 से 700 रुपये से अधिक नुकसान उठाना पड़ता है।