धारा 35 ए पर सर्वाेच्च न्यायाल में सुनवाई की अफवाह के साथ ही सोमवार की सुबह पूरी वादी में तनाव फैल गया। सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान अचानक बंद हो गए व जगह-जगह पुलिस व शरारती तत्वों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं, जिनमें दोपहर बाद तक करीब 30 लोग जख्मी हुए। हालांकि पुलिस ने बार-बार अपील कर लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने के लिए कहा, लेकिन हालात पर कोई ज्यादा असर नहीं हुआ।
गौरतलब है कि धारा 35ए जम्मू कश्मीर विधानसभा को स्थानीय नागरिकों को परिभाषित करने, उनके लिए विशेषाधिकार यकीनी बनाने और गैर रियासती लोगों केा जम्मू कश्मीर में राज्य सरकार की नौकरियां प्राप्त करने, जमीन खरीदन व उसके मालिकाना हक हासिल करने से वंचित करने का अधिकार देती है। इस संवैधानिक प्रावधान को रद कराने के लिए सर्वाेच्च न्यायालय में एक याचिका पर सुनवाई 31 अगस्त को होनी है। लेकिन आज भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने इस मामले एक नई याचिका दायर की, जिसे स्वीकारने या नकारने का फैसला सर्वोच्च न्यायालय ने लेना है। लेकिन इसे लेकर किसी ने अफवाह फैला दी कि धारा 35ए पर सर्वाेच्च न्यायालय में सुनवाई हो रही और वादी में हालात बदल गए।
हिंसक तत्वों पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठियों, आंसूगैस, मिर्ची बम और पैलेट गन का सहारा लेना पड़ा। हालांकि पुलिस ने हिंसक झड़पों में घायलों की सही संख्या नहीं बताई है। लेकिन संबधित सूत्रों की मानें तो 30 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं और इनमें दो दर्जन के करीब जिला शोपियां में ही जख्मी हुए हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुनीर अहमद खान ने कहा कि किसी शरारती तत्व ने आज धारा 35ए पर सर्वाेच्च न्यायालय में सुनवाई की अफवाह फैला दी। हालांकि हमने विभिन्न माध्यमों का सहारा लेकर लोगों को सही स्थिति से अवगत कराते हुए अफवाहका खंडन किया, लेकिन तब तक कई इलाकों में शरारती तत्वों ने जबरन बंद कराते हुए हिंसा भी शुरू कर दी थी। हम इन अफवाहों की जांच कर रहे हैं और शरारती तत्वों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।
इस बीच, हालात को देखते हुए प्रशासन ने पूरी वादी में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात कर दिया है।
गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में मुख्यधारा से लेकर अलगाववादी खेमे तक सभी संगठन और कश्मीर के सभी सामाजिक, मजहबी और सिविल सोसाइटी से जुड़े संगठन धारा 35ए के समर्थन में लामबंद हैं। अलगाववादी खेमे ने धारा 35ए के संरक्षण को यकीनी बनाने के लिए केंद्र व सर्वाेच्च न्यायालय पर दबाव बनाने के मकसद से 30 व 31 अगस्त को कश्मीर बंद का आह्वान भी कर रखा है।