धोनी-कोहली की विस्फोटक बल्लेबाजी के पीछे का राज खोलेगा ‘डोप’ टेस्ट
नई दिल्ली। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने वाली प्रत्येक टीम को डोपिंग के कड़े नियमों से गुजरना होगा। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने क्रिकेट में डोपिंग के संभावित प्रयोग को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए है।
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार क्रिकेटर्स के मूत्र की जांच के अलावा कई परीक्षण किए जाएंगे। इनमें ब्लड की जांच शामिल होगी। रक्त की जांच के जरिये क्रिकेटर्स के विशिष्ट ग्रोथ हार्मोंस की जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि वे इतनी विस्फोटक बल्लेबाजी कैसे कर पा रहे हैं। इसके जरिये पता चलेगा कि विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह जैसे बल्लेबाज इतनी विस्फोटक बल्लेबाजी कैसे कर पाते हैं।
क्रिकेट वैसे तो 2006 से वाडा से जुड़ा है, लेकिन अभी यदा-कदा इनका टेस्ट होता है। अभी इनके सिर्फ मूत्र का सेंपल लिया जाता है, लेकिन कई स्टेरॉयड तथा शक्तिवर्धक पदार्थ ऐसे है जिनका मूत्र परीक्षण में पता नहीं चलता है। लेकिन यदि कोई इनका इस्तेमाल कर रहा हो तो रक्त परीक्षण में यह बात सामने आ जाएगी।
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वाडा ने ब्लड की जांच को स्मार्ट टेस्टिंग नाम दिया है। वाडा ने साफ किया कि चैंपियंस ट्रॉफी के पहले लिए जाने वाले क्रिकेटर्स के ब्लड सैंपल को 10 वर्ष तक संभालकर रखा जाएगा। हर छह महीने में नए टेस्ट होंगे और मूल सैंपल से इसकी तुलना की जाएगी।