नई दिल्ली की सुरक्षा में बरती जा रही लापरवाही,जाने पूरा मामला

इस्राइल दूतावास के पास बम धमाके के मामले में सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही सामने आई है। इस कारण आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। विस्फोट वाली जगह पर स्थित नंदा हाउस, जम्मू कश्मीर हाउस,  सांसद आवास, इंडिया गेट और जामिया नगर में सीसीटीवी काम नहीं कर रहे हैं।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विस्फोट वाली जगह पर स्थित जम्मू-कश्मीर हाउस के सीसीटीवी एक महीने से काम नहीं कर रहे हैं। अगर ये काम कर रहे होते तो पुलिस को कोई सुराग मिल सकता था। इसके अलावा इंडिया गेट पर लगे 200 से ज्यादा सीसीटीवी काफी समय से काम नहीं कर रहे हैं। इसका कारण 26 जनवरी की तैयारियां बताया जा रहा है।

इसके अलावा जामिया नगर में लगे हुए सीसीटीवी या तो खराब हैं या फिर तोड़ दिए गए हैं। ऑटो में विस्फोट वाली जगह पर आने वाले नीली जैकेट वाले संदिग्ध ने जामिया नगर मेट्रो स्टेशन-4 के पास स्थित तिकोना पार्क के पास से ऑटो लिया था। यहां पर लगा सीसीटीवी कैमरा काफी समय से काम नहीं कर रहा है। सुरक्षा विशेषज्ञ सीसीटीवी कैमरों के चालू हालत में नहीं होने को लेकर सुरक्षा में बहुत बड़ी लापरवाही बता रहे हैं।

फिर जामिया नगर में जाकर रुकी जांच
मामले की जांच एक बार फिर जामिया नगर आकर रुक गई है। जनवरी 2021 में इस्राइल दूतावास के बाहर एक देसी बम से विस्फोट हुआ था, तो पुलिस ने 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज की थी और पांच दिनों के भीतर जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को स्थानांतरित कर दी थी। अब जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सौंपी गई है।

नई दिल्ली जिला पुलिस ने नहीं उठाए सबूत
मौके पर सबसे पहले नई दिल्ली जिला पुलिस पहुंची थी। सवाल ये खड़ा होता कि पुलिस ने सबूत क्यों नहीं उठाए। स्पेशल सेल की टीमें बाद में आईं और सबूत उठाए। नई दिल्ली जिला पुलिस का कहना है कि अंधेरा होने से विस्फोट से संबंधित सबूत नहीं मिले। हालांकि, नई दिल्ली जिले के ज्यादातर अधिकारी विस्फोट के समय छुट्टी पर थे।

जामिया नगर से जिम बैग लेकर आया था संदिग्ध
दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि नीली जैकेट वाला संदिग्ध अपने साथ काला जिम बैग लाया था। पीठ पर लटक रहा बैग सीसीटीवी में कैद हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि संदिग्ध कश्मीर निवासी लोगों जैसी कद-काठी व गोरा था। इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने विस्फोट से आधे घंटे पहले का जीपीआरएस डाटा लिया है। इससे करीब 35 ऑटो चालक की पहचान हुई है, जो विस्फोट से कुछ समय पहले तक मौके से होकर गुजरे थे। इन चालकों ये पूछा जा रहा है कि ऑटो में कोई संदिग्ध तो नहीं आया था, जो इस्राइल दूतावास के पास उतरा हो।

बम धमाके के मामले में प्राथमिकी दर्ज ऑटो में सवार संदिग्ध का सुराग नहीं
इस्राइल दूतावास के समीप देसी बम से किए गए धमाके के मामले में दिल्ली पुलिस ने तीन दिन बाद तुगलक रोड थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ शुक्रवार देर रात प्राथमिकी दर्ज कर ली। पुलिस कई ऑटो चालकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं, जामिया नगर से ऑटो में सवार होकर नीली जैकेट पहनकर आए संदिग्ध का पुलिस को शनिवार शाम तक कोई सुराग नहीं मिला था।

गृह मंत्रालय की कमेटी पुलिस से जांच की हर घंटे रिपोर्ट ले रही है। जांच नई दिल्ली जिला पुलिस से लेकर पुलिस की स्पेशल सेल को सौंप दी गई है। पुलिस के अनुसार, तुगलक रोड थानाध्यक्ष प्रदीप रावत की शिकायत पर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा-3 (जीवन या संपत्ति को खतरे में डालने वाला विस्फोट करने का दंड) के तहत  प्राथमिकी (नंबर-219) दर्ज की गई है। इस मामले में छह संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

विस्फोट मंगलवार शाम को पृथ्वीराज रोड पर प्लॉट संख्या-4 पर स्थित नंदा हाउस और प्लॉट संख्या-2 पर स्थित केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान की चहारदीवारी के क्षेत्र में हुआ। यहां झाड़ियां व पेड़-पौधे हैं और कोई सीसीटीवी नहीं है। गहरी साजिश का पता लगाने के लिए मामला स्पेशल सेल को सौंपा गया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जामिया नगर से ऑटो में बैठकर आए नीली जैकेट वाले संदिग्ध का स्कैच तैयार करवाया जा रहा है।

इसके लिए पुलिस ने कई ऑटो रिक्शा चालकों से पूछताछ की है। घटनास्थल से घड़ी का टूटा हुआ डायल और कुछ छर्रे भी मिले हैं। जांच अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की लैब से रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं। लैब में विस्फोट में इस्तेमाल किए गए घटकों का पता लगाने के लिए एकत्र किए गए नमूने भेजे गए हैं। साथ ही, पुलिस ने 12 ऐसे लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिन्होंने विस्फोट की तेज आवाज सुनने का दावा किया था।

 

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