हर माता पिता का ख्वाब होता है कि उनकी लाड़ली अपने दांपत्य जीवन में खुश रहे, उसे एक अच्छा और समझदार पति मिलें जो उसका ख्याल रख सके. इसी आस के साथ वो अपनी बेटी को विदा करतें है एक अनजान घर में. लेकिन आजकल लड़की के माता-पिता को NRI मतलब अप्रवासी भारतीय युवक ज़्यादा पसंद आते हैं. जो विदेशों में नौकरी करते हैं और शादी के बाद अपनी दुल्हन को भी विदेश ले जाते हैं.
इस चलन के बढ़ने पर इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी सामने आये हैं. जिनमे गलत पहचान बताकर, सिर्फ दहेज़ के लिए शादी करना और विदेश ले जाकर तलाक दे देना प्रमुख हैं. ऐसे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद ने इस विषय पर रिसर्च करने का विचार किया है.
आईसीएसएसआर अध्यक्ष बी बी कुमार ने पीटीआई को बताया कि “ऐसे कितने NRI है जिन्होंने भारत आकर शादी की, शादी के बाद उनकी स्तिथि क्या रही, कितनी लड़कियों को इस विवाह में धोके मिले जैसी चीज़ों पर अध्ययन करने की सख्त जरुरत है, क्योंकि इससे हमे पता चलेगा की कहीं हम अप्रवासी भारतियों को अपनी लड़की देकर गलत कदम तो नहीं उठा रहे है.”