नए कृषि कानूनों के खिलाफ भूख हड़ताल पर किसान, प्रदर्शन का 19वां दिन

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले 18 दिनों से जारी है। आज आंदोलन का 19वां दिन है किसानों ने अपना प्रदर्शन तेज कर दिया है और आज वे भूख हड़ताल पर हैं। इसके सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन होगा। केंद्र सरकार चाहती है कि नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध बातचीत के माध्यम से खत्म किया जाए, लेकिन किसान इसकी वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बन पाई है।

राजस्थान: जयसिंहपुर- खेड़ा बॉर्डर (राजस्थान-हरियाणा) के पास शाहजहांपुर में धरना-प्रदर्शन आज दूसरे दिन भी जारी। सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।

बीकेयू (पंजाब) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि हम सरकार को जगाना चाहते हैं। इसलिए, हमारे संयुक्त किसान मोर्चा के 40 किसान नेता आज सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच दिल्ली की सभी सीमाओं पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इनमें से 25 सिंघू बॉर्डर पर, 10 टिकरी बॉर्डर पर और 5 यूपी बॉर्डर पर बैठेंगे।

 दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत सहित किसान नेता गाजीपुर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) पर सुबह 8 बजे से भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

केजरीवाल का उपवास

किसानों के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज उपवास रखेंगे। केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह किसानों के साथ उपवास करेंगे। उन्होंने कहा ‘मैं किसानों के विरोध के समर्थन में कल एक दिन का उपवास रखूंगा। मैं AAP के कार्यकर्ताओं से इसमें शामिल होने की अपील करता हूं। केंद्र को विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों की सभी मांगों को तुरंत स्वीकार करना चाहिए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए एक विधेयक लाना चाहिए।

भानु में फूट

नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के बीच भारतीय किसान यूनियन (भानु) में फूट की खबरें आ रही हैं। नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता खोले जाने से नाजार होकर के राष्ट्रीय महासचिव महेंद्र सिंह चौरोली के अलावा राष्ट्रीय प्रवक्ता सतीश चौधरी और एक महिला किसान नेता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

कुंडली बार्डर पर प्रदर्शन से क्षेत्र का व्यापार और खेती प्रभावित 

कुंडली बार्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन के कारण क्षेत्र का व्यापार और खेती प्रभावित हो रही है। व्यापारियों के साथ-साथ यहां सब्जी व अन्य नकदी फसलों की खेती करने वाले किसान भी परेशान हैं। इसको लेकर रविवार को क्षेत्र के किसान और प्रबुद्ध लोगों ने राई विश्राम गृह में बैठक की। बैठक की अध्यक्षता दहिया खाप के प्रधान सुरेंद्र दहिया ने की। बैठक में लोगों ने आंदोलन का विरोध नहीं किया, लेकिन उनका कहना था कि बार्डर पर इस तरह से धरना देने से कुंडली व आसपास के लोग पूरी तरह बंधक बनकर रह गए हैं। उन्होंने किसानों से यहां के लोगों की परेशानियों को समझने का अनुरोध करते हुए एक तरफ का रास्ता खोलने का अनुरोध किया।

 

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