साल के पहले ही दिन टेनिस की दुनिया से एक बेहद ही चौंकाने वाली खबर आई. भारत के स्टार टेनिस खिलाड़ी सोमदेववर्मन ने प्रोफेशनल टेनिस से संन्यास ले लिया. सोमदेव लंबे समय तक भारत के बेस्ट सिंगल्स खिलाड़ी रहे. उन्होंने चेन्नई ओपन में हिस्सा न लेने का फैसला किया था. लेकिन इस बाद अब प्रोफेशनल टेनिस जगत को ही विदा कहने का फैसला किया है.
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सोमदेव ने अपने अपने ट्विटर पेज पर लिखा कि, ‘साल 2017 की शुरुआत में नए तरीके से करते हुए प्रो टेनिस से रिटायरमेंट ले रहा हूं. इतने वर्षों तक मेरा साथ देने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया.’ सोमदेव को 2011 में अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना गया.
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चोट ने सोमदेव का करियर खत्म किया
सोमदेव ने साल जब 2008 में टेनिस में पदार्पण किया था, तब से वह भारत के स्टार सिंगल्स खिलाड़ी थे. सोमदेव ने आखिरी बार 2 साल पहले यूएसए एफ10 में खेलने उतरे. जिसमें सोमदेव को 3-6, 2-6 से मात मिली थी. इस 31 साल खिलाड़ी का करियर 2012 में कंधे में चोट के बाद थम सा गया. जिसके बाद लगातार चोटों ने सोमदेव को घेरे रखा. सोमदेव ने 2008 में डेविस कप में आगाज किया. उसके बाद से लगातार वो भारत के सिंगल्स अभियान का नेतृत्व करते रहे हैं. उन्होंने 14 रबर में भारत का प्रतिनिधित्व किया. इस दौरान सोमदेव ने चेक गणराज्य के जिरी वेसली और सब्रिया के डूसन लायोविच जैसे खिलाड़ियों को हराया. 2010 में भारत वर्ल्ड ग्रुप में पहुंचाने में सोमदेव का बड़ा रोल रहा.
सोमदेव भारत बेस्ट सिंगल्स खिलाड़ी रहे
सोमदेव का आना भारतीय टेनिस में बड़ा सुखद था, जहां हमेशा सिंगल्स खिलाड़ियों को अभाव रहा है. लेकिन सोमदेव उन क्षमताओं के साथ प्रदर्शन नहीं कर सके, जिसकी उम्मीद थी. हालांकि इसमें अहम भूमिका चोट की रही. सोमदेव लगातार चोट से जूझते रहे. 2009 में सोमदेव चेन्नई ओपन और 2011 में साउथ अफ्रीका ओपन के फाइनल में पहुंचे थे. 1998 में लिएंडर पेस के टुअर इवेंट जीतने के बाद किसी भारतीय का सिंगल्स में यह बेस्ट प्रदर्शन है.