भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) नयी पीढ़ी की कंपनियों यानी स्टार्टअप में निवेश के लिए अपने नियमों में बदलाव पर विचार रहा है. एसबीआई इसके लिए धन का प्रावधान किए जाने के बावजूद अब तक फिनटेक स्टार्टअप में निवेश नहीं कर सका है.
सप्ताहांत में यहां एक कार्यक्रम के अवसर पर बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने पीटीआई भाषा से कहा, हम सार्वजनिक संस्थान हैं और स्टार्टअप में निवेश को आमतौर पर बहुत जोखिम भरा माना जाता है. हम समझते हैं कि निवेश के पारंपरिक तरीके नहीं चलेंगे. ’
उन्होंने कहा कि बैंक ने फिनटेक स्टार्टअप में निवेश के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया और बैंक इस धन को लगाने के लिए नियमों में बदलाव करेगा. उन्होंने कहा, हमने उस धन को खर्च करना चाहते हैं जिसका प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने देश में फ्लिपकार्ट तथा ओला जैसी कंपनियों के उबरने पर जोर दिया.
रजनीश कुमार ने बताया कि बैंक ऐसे स्टार्टअप्स से उत्पादों की खरीद और अन्य सक्रिय सहभागिता के पहलुओं पर काम कर रहा है. कुमार ने बताया कि नवीनतम प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए बैंक नवी मुंबई में 25 करोड़ रुपये के निवेश से एक इनोवेशन सेंटर स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है.
एसबीआई अब तक नवीनतम प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहे 150 से ज्यादा स्टार्टअप्स के साथ काम कर चुका है. बतौर रजनीश कुमार, बैंक ने सर्वश्रेष्ठ समाधान की तलाश करने और गठजोड़ के लिए पांच हैकेथॉन का आयोजन भी किया है.
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