नगर निगम अब मीट-मुर्गा दुकानों के लाइसेंस नहीं बनाएगा। इसका अधिकार अब एफएसडीए को दे दिया गया है। शासन की ओर से इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिया गया है। नगर निगम अब सिर्फ यह एनओसी देगा कि जहां पर दुकान खोली जानी है, वहां पर कोई धार्मिक स्थल तो नहीं है।सीएम योगी ने दिया बड़ा बयान, कहा- अगर अगला पक्ष शांत रहेगा तो बहुसंख्यक भी दंगा नहीं करेगा
दुकानदार लाइसेंस को लेकर तय मानक पूरे कर रहा है कि नहीं। नगर निगम की ओर से पहले जो लाइसेंस जारी किए गए थे, उनका नवीनीकरण भी अब एफएसडीए ही करेगा।
यूपी में नई सरकार आने के बाद अवैध स्लॉटर हाउसों के खिलाफ अभियान चला था। उसी में नगर निगम ने भी शहर में चल रही अवैध मीट-मुर्गा की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की थी और 100 से अधिक दुकानें बंद कराई थीं। शासन के आदेश के तहत दुकानों पर जानवर नहीं काटे जाएंगे। दुकानों पर जो मीट बिकेगा वह स्लॉटर हाउस से ही लाया जाएगा।
शहर में अभी एक वैध स्लॉटर हाउस नहीं है। नगर निगम का मोतीझील और भेड़ीमंडी में जो स्लॉटर हाउस था, वह करीब तीन साल पहले ही बंद हो चुका है। ऐसे में जब नई सरकार ने सख्ती की तो नगर निगम ने मीट दुकानों के लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी।
हल्ला होने पर लिया गया फैसला
खाद्य एवं औषाधि प्रशासन विभाग अब लाइसेंस जारी करेगा। नगर निगम सिर्फ नियमों के तहत जांच पड़ताल कर एनओसी देगा। उसके बाद एफएसडीए लाइसेंस जारी करेगा।
नगर निगम सिर्फ मीट बेचने का देता था लाइसेंस
नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद राव का कहना है कि नगर निगम की ओर से अब तक जो मीट दुकानों का लाइसेंस जारी किया जाता था, वह सिर्फ दुकान पर मीट बेचने के लिए ही होता था। दुकान पर जानवर काटने का लाइसेंस नहीं था। स्लॉटरिंग के लिए अलग से लाइसेंस होता है।
नगर निगम की ओर से अब तक एक भी स्लॉटर हाउस का लाइसेंस जारी नहीं किया गया था। पहले नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग खाद्य पदार्थों के लाइसेंस जारी करता था, मगर जब से एफएसडीए बना है निगम का स्वास्थ्य विभाग लाइसेंस नहीं जारी करता है। चूंकि मांस भी खाद्य पदार्थ में शामिल है इसलिए अब उसका भी लाइसेंस अब एफएसडीए ही जारी करेगा।
मामले पर नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद राव का कहना है कि शासन के आदेश के तहत अब नगर निगम मांस की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी नहीं करेगा। नगर निगम सिर्फ लाइसेंस को लेकर एनओसी देगा। यह व्यवस्था तत्काल लागू है।