दिवाली से ठीक एक दिन पहले नरक चुतर्दशी आती है। इसे रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन का सबसे बड़ा महत्व पितरों और यमराज से संबंधित है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने इस दिन नरकासुर का वध करके बंदी बनाई गई 16 हजार कन्याओं को मुक्त करवाया था। इन कन्याओं के अनुरोध पर श्री कृष्ण ने इन सभी से विवाह करके अपनी पत्नी का दर्जा दिया। नरकासुर का वध करने में रुक्मिणी ने भी श्रीकृष्ण की सहायता की थी, इसलिए इस चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है।
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नरक चतुर्दशीः अगर चारमुखी दीपक के साथ रखेंगे ये खास चीज, तो होने लगेगी धन की बारिश
नरक चतुर्दशी की शाम में एक चारमुखों वाला दीया जलाकर घर के बाहर रख दें। दीए में एक कौड़ी और सिक्का भी रखें।
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