आज शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है। इस दिन दुर्गा के नौ रुपों में से चौथा रुप देवी कूष्मांडा की पूजा होती है। देवी कुष्मांडा को देवी भागवत् पुराण में आदिशक्ति के रुप में बताया गया है। मां कूष्मांडा की उपासना से भक्तों के कई तरह के रोग मिट जाते हैं। मां की उपासना से आयु,यश और बल बढ़ता है।
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देवी कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं इसलिए यह अष्टभुजा देवी भी कहलाती हैं। माता अपने हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल पुष्प, अमृत से भरा कलश, गदा, चक्र और जपमाला धारण करती हैं। मां कुष्मांडा का वाहन सिंह है।
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमौ नम: ।।