हर साल मनाया जाने वाला नवरात्रि का पर्व इस साल भी शुरू होने वाला है। यह पर्व इस साल 7 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार से शुरू होने जा रहे है। इस दौरान माता का स्वागत विधि विधान से पूजा-अर्चना के साथ किया जाता है। कहा जाता है नवरात्रि के दौरान घट स्थापना मुहूर्त और अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं घट स्थापना का शुभ मुहूर्त और माता के पूजन विधि के लिए मुख्य सामाग्री।
घट स्थापना शुभ मुहूर्त- ज्योतिष के अनुसार घट स्थापना या कलश स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र, गुरुवार दिन साथ-साथ विष कुम्भ जैसे शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। जी हाँ और इस दिन कन्या राशि में चर्तुग्रही योग का निर्माण भी हो रहा है। वहीं घट स्थापना मुहूर्त 7 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक और अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट के बीच है।
पूजा सामग्री- मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो, सिंदूर, केसर, कपूर, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, पानी वाला जटायुक्त नारियल, दुर्गासप्तशती किताब, बंदनवार आम के पत्तों का, पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, पांच मेवा, घी, लोबान,गुग्गुल, लौंग, कमल गट्टा,सुपारी, कपूर। और हवन कुंड, चौकी, रोली, मौली पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, शहद, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, लाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियां, सिंदूर, आम के पत्ते, लाल वस्त्र, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, कलश, साफ चावल, कुमकुम,मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल ,फूल, फूलों का हार, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, असली कपूर, उपले, फल व मिठाई, दुर्गा चालीसा व आरती की किताब,कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ आदि।