इस्लामाबाद: नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने पनामागेट मामले में प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दायर करने की सिफारिश करने वाली एक जांच समिति की रिपोर्ट को कूड़ा बताते हुए खारिज कर दिया और इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है. शरीफ के परिवार के कारोबारी सौदे की जांच को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बनायी गयी संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) ने शीर्ष अदालत में सुपुर्द अपनी रिपोर्ट में शरीफ और उनके बेटों हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथ ही बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय दायित्व ब्यूरो (एनएबी) अध्यादेश 1999 के तहत भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है.

शरीफ की बेटी मरियम ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की ओर से एक ट्वीट में आरोप को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘जेआईटी रिपोर्ट अस्वीकार्य है. हरेक विसंगति को केवल चुनौती ही नहीं दी जाएगी बल्कि उच्चतम न्यायालय में यह खारिज हो जाएगी . सरकारी खजाने का एक पैसा भी नहीं शामिल है.’
‘इस्तीफा दो और शेर की तरह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करो’
हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने देश के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मांग की. कहा, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का एक शेर की तरह सामना करना चाहिए. जरदारी ने सांघर के खिप्रो में एक जनसभा से कहा, शासकों को संयुक्त जांच दल से दिक्कत है लेकिन यदि आपको कोई समस्या है तो आप (नवाज शरीफ) प्रधानमंत्री बदलकर नया प्रधानमंत्री ला सकते हैं क्योंकि पीएमएलएन के पास बहुमत है.
उल्लेखनीय है कि शरीफ एवं उनका परिवार पनामा पेपर्स में हुए खुलासे के मद्देनजर विदेश में संपत्तियों की जांच कर रहे संयुक्त जांच दल के समक्ष पेश हुआ है.
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