पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस्लामाबाद में भारत प्रशासित कश्मीर पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सांसद सेमिनार में एक बार फिर कश्मीर की आजादी का मुद्दा उछाला। शरीफ ने कहा कि भारत प्रशासित कश्मीर में आजादी को लेकर चल रहे आंदोलन के प्रति भारत की नीतियों से सब्र का बांध टूटने लगा है।
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नवाज ने आगे कहा कि ’70 साल से बर्बर दमन और अत्याचार का सामना कर रहे कश्मीरी संघर्ष और आजादी की चीख को गोलियों की आवाज से नहीं दबाया जा सकता।’ शरीफ ने कहा कि भारत प्रशासित कश्मीर में पीढ़ियों से चले आ रहे उत्पीड़न को खत्म करने का समय आ गया है।
बुरहान वानी का जिक्र करते हुए नवाज शरीफ ने उसे जोशीला और करिश्माई नेता बताया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि बुरहान वानी की शहादत कश्मीर के आंदोलनकारियों में जोश का संचार कर गई है।
शरीफ ने कहा कि 70 साल पहले कश्मीर के लोगों से एक वादा किया गया था, न केवल पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र ने बल्कि भारत ने भी कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के लिए अधिकार देने की बात कही थी। अंतरराष्ट्रीय मंच पर नवाज शरीफ की कोशिश कश्मीरी लोगों की स्थिति को रेखांकित करने की रही। शरीफ ने कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर स्पष्ट किया कि पाकिस्तान भारत प्रशासित कश्मीर में लोगों के संघर्ष को मदद करता रहेगा।