इस समझौते के तहत भाजपा यहां महज 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के नेता जहां नए विजन के साथ राज्य को बदलने के नारे के साथ वोटरों को लुभाने में जुटे हैं वहीं पूर्व मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की नगालैंड डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) नगालैंड की सत्ता को बदलने के नारे के साथ वोटरों को लुभा रहे हैं।
वहीं मेघायल में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक उम्मीदवार जोनाथन संगमा की उग्रवादी हमले में मौत की वजह से एक सीट पर चुनाव टाल दिया गया है। इन सीटों के लिए 32 महिलाओं समेत कुल 372 उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्य में बीते 10 साल से सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा दोनों के समक्ष इस बार अपनी साख बचाने की चुनौती है।
कांग्रेस जहां अपने कामकाज के बूते राज्य पर कब्जा बरकरार रखने का प्रयास कर रही है, वहीं भाजपा ने विकास के सब्जबाग दिखा कर स्थानीय लोगों को लुभाने का प्रयास किया है। कांग्रेस की ओर से स्थानीय नेताओं के अलावा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने यहां चुनाव प्रचार किया जबकि भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कई केंद्रीय मंत्रियों ने राज्य का दौरा किया।
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