प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार ने पहली उत्तराखंड हेलीपैड व हेलीपोर्ट नीति को मंजूरी दी है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही आपातकालीन चिकित्सा और आपदा के दौरान बचाव व राहत कार्यों में आसानी होगी।
प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में हवाई सेवाओं के विस्तार करने के लिए अब निजी भूमि पर भी हेलीपैड और हेलीपोर्ट बना सकेंगे। इसके लिए भू-स्वामी जमीन को 15 साल के लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) को लीज पर दे सकता है या स्वयं भी हेलीपैड और हेलीपोर्ट बना सकता है।
जमीन पर लीज पर देने पर भू-स्वामी को 100 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से किराया और हेलीपैड व हेलीपोर्ट संचालन व प्रबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा, जबकि स्वयं बनाने पर कुल पूंजी निवेश का 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार ने पहली उत्तराखंड हेलीपैड व हेलीपोर्ट नीति को मंजूरी दी है।
इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही आपातकालीन चिकित्सा और आपदा के दौरान बचाव व राहत कार्यों में आसानी होगी। प्रदेशभर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर हेलीपैड या हेलीपोर्ट विकसित किया जा सकता है, लेकिन यहां पर सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं है। इसके लिए सरकार ने निजी भूमि पर हेलीपैड व हेलीपोर्ट बनाने की नीति को मंंजूरी दी है।
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