बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। इस फैसले पर राज्य के नियोजित शिक्षकों की निगाहें टिकी है। मंगलवार को इस मामले में हुई सुनवाई में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने कोर्ट के सामने राज्य सरकार का पक्ष रखा।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे और न्यायाधीश उदय उमेश मलिक की खंडपीठ मे नियोजित शिक्षकों के मामले में सुनवाई की और इस मामले में कोर्ट ने अभी राज्य सरकार का पक्ष सुना है और अब शिक्षक संगठन के वकील अपना पक्ष रख रहे हैं। आज इस मामले में अहम सुनवाई होगी।
इधर, आज आने वाले फैसले को लेकर शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षक संघों में भी खासी गहमागहमी है. बिहार माध्ममिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय और महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने उम्मीद जताई है कि कोर्ट द्वारा आने वाला फैसला नियोजित शिक्षकों के हक में आएगा। इस मामले में पिछले सप्ताह भी देश के सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई थी।
बता दें कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर पटना हाइकोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इससे पहले केंद्र सरकार ने बिहार सरकार का समर्थन करते हुए समान कार्य के लिए समान वेतन का विरोध किया था।
सरकार के हलफनामे में कहा गया कि नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट में पूर्व में सौंपी गई रिपोर्ट में सरकार ने यह कहा है कि वह प्रदेश के नियोजित शिक्षकों को महज 20 फीसद की वेतन वृद्धि दे सकती है।
इधर, आज आने वाले फैसले पर शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षक संघों की भी नजर रहेगी। बिहार माध्ममिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय और महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने उम्मीद जताई है कि कोर्ट द्वारा आने वाला फैसला नियोजित शिक्षकों के हक में होगा।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features