बिहार में अगले महीने होने वाले 1 लोकसभा और 2 विधानसभा उपचुनाव से जेडीयू ने किनारा कर लिया है. इस बात की घोषणा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने शनिवार को की. शनिवार को जदयू के अररिया से विधायक सरफराज आलम ने पार्टी छोड़कर राजद का दामन थाम लिया और वह अब अररिया लोकसभा सीट से आरजेडी के उम्मीदवार होंगे.Big News: यूएई पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, भारत-यूएई के बीच पांच ऐतिहासिक समझौते!
इससे पहले सरफराज आलम के पिता तस्लीमुद्दीन अररिया से लोकसभा के मौजूदा सांसद थे, लेकिन कुछ वक्त पहले उनके निधन के बाद से ही यह सीट खाली थी. जदयू ने साफ किया है कि अररिया लोकसभा सीट समेत जहानाबाद और भभुआ विधानसभा सीट भी पार्टी नहीं लड़ेगी.
गौरतलब है कि भभुआ से भाजपा विधायक आनंद भूषण पांडे और जहानाबाद से राजद विधायक मुंद्रिका सिंह का पिछले दिनों निधन हो गया था. इसके बाद से यह दोनों सीट खाली थी और जिस पर उप-चुनाव 11 मार्च को होना है.
नीतीश कुमार की पार्टी के उप-चुनाव से खुद को अलग रखने के फैसले पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि इससे एक बात साबित हो गई है कि नीतीश कुमार पूरी तरीके से भाजपा के सामने नतमस्तक हो गए हैं.
नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि, प्रदेश में जदयू की एक भी सीट पर चुनाव लड़ने की औकात नहीं है. तेजस्वी ने कहा कि जिस तरीके से सरफराज आलम ने जदयू का दामन छोड़ दिया है, उसी तरीके से आने वाले दिनों में अन्य विधायक भी पार्टी छोडेंगे और जदयू में भगदड़ मच जाएगी.
तेजस्वी ने कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए इस बात की भी संभावना है कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी का विलय भाजपा के साथ कर दें. क्योंकि वह सत्ता और कुर्सी के बिना जीवित नहीं रह सकते. तेजस्वी ने कहा कि इस बात की भी संभावना है कि केंद्र सरकार नीतीश कुमार को वापस दिल्ली बुलाकर राष्ट्रीय राजनीति में उतारेगी या फिर उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल बना देगी.