पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी दो दिवसीय नेपाल दौरे पर सोमवार को नेपाल पहुंचे। 30 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व करते हुए काठमांडू आए अब्बासी नेपाल में करीब 20 घंटे बिताएंगे।
सोमवार को पाकिस्तानी एयरफोर्स के विमान से त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में उतरे अब्बासी का नेपाल के वित्त मंत्री युवराज खतिवडा ने स्वागत किया। अब्बासी के सम्मान में सोमवार शाम नेपाली सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। इस समारोह में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी उपस्थिति थे। पाक प्रधानमंत्री के सम्मान में नेपाल के प्रधानमंत्री ने होटल याक एंड यत्ति में रात्रि भोज का आयोजन भी किया है। इसी होटल में ओली और अब्बासी के बीच विशेष भेंटवार्ता होगी।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भेंटवार्ता में ओली को अब्बासी प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के लिए बधाई देने के साथ ही द्विपक्षीय हित के विषय में विचार विमर्श करेंगे। नेपाल स्थित पाक दूतावास द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ओली को बधाई देने के साथ ही आगामी सार्क सम्मेलन के आयोजन विषय में भी नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ विचार विमर्श होगा। अब्बासी मंगलवार सुबह नेपाल के राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के साथ मुलाकात करने के बाद वापस अपने देश लौट जाएंगे।
क्या है रणनीतिक महत्व
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्बासी के आकस्मिक नेपाल आगमन को कूटनीतिक वृत्त विशेष महत्व के साथ देख रहा है। सूत्रों की मानें तो यह नेपाल के प्रधानमंत्री ओली का भारत के विषय में विशेष रणनीतिक रुख है। वो पड़ोसियों के बीच नेपाल की सौदेबाजी की क्षमता बढ़ा कर देश विकास के लिए अधिकतम फायदा लेना चाहते हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भ्रमण के कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का स्वागत करना एक प्रकार से भारत को दिया गया ‘चेक एंड बैलेंस’ है।
बहुमत से सत्ता में वापस लौटे ओली फिलहाल कोई भी भारतीय कार्ड को छोड़ना नहीं चाहते हैं । प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के रूप में अब्बासी का स्वागत करके ओली ने अपने वामपंथी वोटर को स्पष्ट करने का प्रयास किया कि वो भारत परस्त नही हैं। इस भ्रमण को भारत को दबाव में रखने का और चीन को खुश करने की रणनीति के रूप में भी देखा जा सकता है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ओली को जीत की शुभकामना देने पर उन्होंने मोदी को नेपाल आने का न्यौता दिया था। लेकिन इससे पहले ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा नेपाल के आकस्मिक भ्रमण का विशेष अर्थ है। ओली का यह कदम चीन और भारत से अधिकतम फायदा लेने की दिशा में किया गया एक प्रयास है। नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (एमाले) के एक नेता ने कहा कि वो देश के उन्नति के लिए नेपाल और नेपाली के हित में निर्णय ले रहे हैं।