आशीष नेहरा ने बुधवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने होमग्राउंड दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लिया। 18 साल लंबे करियर के दौरान नेहरा ने कई उपलब्धियां हासिल की और साथी खिलाड़ियों के बीच अपनी ऐसी छाप छोड़ी, जिसका सभी सम्मान करते हैं।
रिटायरमेंट के बाद अपनी बॉडी को लेकर आशीष नेहरा ने दिया ये बड़ा बयान…
नेहरा ने इस सफल यात्रा के दौरान कई करीबी दोस्त बनाए, जिसमें एक खास नाम युवराज सिंह का शामिल है। युवी और नेहरा की दोस्ती काफी अच्छी है। यही वजह रही कि युवी अपने करीबी दोस्त नेहरा के संन्यास पर बेहद इमोशनल हो गए और उन्होंने 38 वर्षीय क्रिकेटर की तारीफों में अपने फेसबुक अकाउंट पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा। इसमें 35 वर्षीय युवी ने नेहरा की कई बड़े बातों का उल्लेख किया।
युवराज ने नेहरा को सबसे ईमानदार क्रिकेटर करार दिया। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, ‘आशीष नेहरा बेहद ईमानदार व्यक्ति हैं। वो दिल के साफ हैं और शायद पवित्र ग्रंथ (गीता-कुरान आदि) ही उनसे अधिक ईमानदार होगी। मेरी नजर में नेहरा ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने कभी टीम को झुकने नहीं दिया।’
युवराज ने आगे लिखा, ‘मैंने जब अंडर-19 क्रिकेट खेल रहा था तब पहली बार नेहरा से मिला। वो टीम इंडिया में सिलेक्ट हुए थे। तब नेहरा ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह के साथ रहते थे। मैं भज्जी से मिलने गया तो देखा कि एक लंबा और दुबला लड़का खड़ा है जो सीधा नहीं खड़ा हो पा रहा है। वो अजीब सा मुंह बना रहा है, जिसे देखकर मुझे बहुत हंसी आई। तब ऐसा लग रहा था जैसे उनकी पेंट में किसी ने चींटिया डाल दी हो। मगर जब वो टीम इंडिया के लिए खेले तो मुझे एहसास हुआ कि नेहरा ऐसे हैं जो कड़ी मेहनत पर विश्वास करते हैं।’
युवी ने इसके साथ ही नेहरा के निकनेम का खुलासा भी किया। उन्होंने लिखा, ‘आशीष नेहरा का निकनेम पोपट रखा गया था। ये नाम उन्हें पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने दिया। गांगुली ने नेहरा को पोपट नाम इसलिए दिया क्योंकि वो बहुत बातें करते थे। नेहरा ऐसे हैं जो पानी के अंदर भी बातें कर सकते थे। मेरे लिए उसका बोलना भी जरूरी नहीं था, क्योंकि उनकी चाल-ढाल ऐसी थी कि मुझे हंसी आ जाती थी। अगर आप आशीष नेहरा के साथ हो तो आपका दिन खराब नहीं जा सकता। आशीष नेहरा आपको हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देगा।’
बाएं हाथ के बल्लेबाज ने साथ ही बताया कि वो आशीष नेहरा से प्रेरणा लेते हैं। बकौल युवी, ‘मैं कभी नेहरा से कहा नहीं, लेकिन ये सच है कि मुझे उनसे प्रेरणा मिली। मैं यह सोचता हूं कि अगर ये 38 साल का होते हुए और इतनी चोट व सर्जरी के बावजूद इतनी तेज गेंद फेंकता है तो मैं 36 साल की उम्र में बल्लेबाजी क्यों नहीं कर सकता? यही वजह है कि मैंने अभी तक हार नहीं मानी है।’
आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए एकसाथ खेलने वाले युवराज सिंह ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ‘ नेहरा की कोहनी, कूल्हे, एड़ी, घुटने, उंगलियां, टखने समेत कुल 12 सर्जरी हुई है, लेकिन उनके अंदर कभी न हार मानने वाला जज्बा है। नेहरा के अंदर कड़ी मेहनत और अच्छा प्रदर्शन करने का जोश था। मुझे याद है साल 2003 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के मैच से पहले उनका टखना मुड़ गया था, लेकिन वो फिर भी इंग्लैंड के खिलाफ खेले। उन्होंने 30-40 बार अपने टखने पर बर्फ से सिकाई की और पेन किलर खाए, जिसके बाद वो इंग्लैंड के खिलाफ मैच में खेले और उन्होंने 6 विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई।’
युवराज ने बताया कि नेहरा 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में नहीं खेल सके थे क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में वो चोटिल हो गए थे। नेहरा ने इस टूर्नामेंट में शानदार गेंदबाजी की थी। जब वो फाइनल में नहीं खेल सके तो उन्होंने इसका मलाल नहीं किया जो आमतौर पर एक खिलाड़ी को होता है। बजाय इसके वो मुस्कुराते हुए अन्य खिलाड़ियों की मदद करते रहे। नेहरा मुंबई में हमारे साथ थे। वो खिलाड़ियों को ड्रिंक्स और तौलिए देने के साथ-साथ गेंदबाजों को जरूरी सलाह भी देते रहे। मुझे एक सीनियर खिलाड़ी को ऐसा करते देख बहुत ही ज्यादा दुख हो रहा था।
35 वर्षीय युवी को नेहरा के परिवार की तारीफ करते हुए लिखा, ‘आशीष नेहरा का बहुत ही प्यारा परिवार है। उनके दो बच्चे हैं। बेटा आरुष और बेटी आरियाना। आरुष भी गेंदबाजी करता है और उसका एक्शन अपने पिता से अच्छा भी है।’ युवी ने साथ ही खुलासा किया कि नेहरा अपने आप को बड़ा अच्छा बल्लेबाज मानते हैं। उन्होंने लिखा, ‘मुझे बहुत हंसी आती है जब नेहरा अपनी बल्लेबाजी को महान बताते हैं। नेहरा कई बार कह चुके हैं कि अगर वो बल्लेबाज होते तो 45 की उम्र तक क्रिकेट खेलते।