उन्होंने कहा, ‘समय आ गया है जब गरीबों को वह सब कुछ लौटाया जा सके जो उनसे लूटा गया था। मैं ऐसे हालात पैदा करने जा रहा हूं कि कांग्रेस के नेताओं के लिए अपनी बेनामी संपत्तियों को हासिल करना मुश्किल हो जाएगा।’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेताओं से उन्होंने जानकारी जुटाने की कोशिश की तो पता चला कि उनमें से कइयों के 500 रुपये को नोटों से भरे बैग तो कुछेक के 1000 रुपये के नोटों से भरे बैग धरे के धरे रह गए।
इस बीच, उनकी सरकार ने बेनामी कानून पारित कर दिया है। कांग्रेस को इस बात की फिक्र है कि मोदी जल्दी ही इस मोर्चे पर भी नतीजे देने लगेंगे। कांग्रेस के जिन नेताओं ने अपने ड्राइवरों और रसोइयों के नाम पर जमीन, फ्लैट और दुकानें खरीद रखी हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।
वे ऐसे सभी लोगों से कहना चाहेंगे कि नेताओं की किसी भी बेनामी संपत्ति को वापस न करें। यह जनता का पैसा है और उनसे लूटा गया है। इसलिए, अब उसे जन कल्याण में लगाया जाएगा।
इससे पहले कांगड़ा के चंबी में आयोजित रैली में उन्होंने कांग्रेस की दीमक से तुलना करते हुए कहा कि ऐसी पार्टी का सफाया करने के लिए भाजपा को 9 नवंबर के चुनाव में दो तिहाई बहुमत से जिताएं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद गरीब और मध्य वर्ग के लोग अपने-अपने काम में जुट गए हैं लेकिन बेइमान लोग उनसे नाराज हैं और उनसे बदला लेना चाहते हैं।