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दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी थी जिसके पास 26 लाख 59 हजार 602 रुपए नकद थे। तृणमूल कांग्रेस के पास 10 लाख 14 हजार रुपये जबकि शिरोमणि अकाली दल के पास 29 हजार रुपये नकद थे। एआईएडीएमके के पास 39 लाख 98 हजार तो डीएमके के पास 50 हजार रुपये, लोक जनशक्ति के पास 25 लाख रुपये जबकि राष्ट्रीय लोकदल के पास 10 लाख 68 हजार रुपये और
तेलुगूदेशम के पास चार लाख 47 हजार रुपए नकदी के तौर पर मौजूद थे। गौर करने वाली बात यह है कि 30 अक्टूबर 2016 तक भाजपा, कांग्रेस और एनसीपी जैसी बड़ी पार्टियों ने अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी ही नहीं। यही नहीं समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, असम गण परिषद, जनता दल (यूनाइटेड), जनता दल (सेकुलर) और शिवसेना जैसी क्षेत्रीय दलों ने भी आयोग से चंदे की जानकारी साझा करना मुनासिब नहीं समझा।
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उल्लेखनीय है कि आयकर से छूट के लिए तमाम पार्टियों को वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को देनी होनी होती है। इसके लिए राजनीतिक दलों को पांच माह का अतिरिक्त समय भी दिया जाता है। कुल मिलाकर 30 अक्टूबर तक हर हाल में चंदे से जुड़े दस्तावेज आयोग को सौंप देने होते हैं।
बसपा के पास सबसे ज्यादा बैंक बैलेंस आयोग में जमा दस्तावेजों के मुताबिक बसपा के पास सबसे अधिक बैंक बैलेंस था। बसपा के बैंक खाते में 507 करोड़ 22 लाख 30 हजार 803 रुपए जमा थे। सीपीआई (एम) के बैंक खाते में 282 करोड़ 23 लाख 87 हजार रुपए और डीएमके के बैंक खाते में 244 करोड़ 29 लाख जबकि एआईएडीएमके के बैंक खाते में 216 करोड़ रुपए जमा थे।