नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गर्वनर उर्जित पटेल स्टैंडिंग कमिटी ऑफ फाइनैंस के सामने पेश हुए। सूत्रों के मुताबिक उर्जित पटेल ने बताया कि नोटबंदी के बाद 9.2 लाख करोड़ की नई करंसी आ चुकी हैं।
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बैंकों में कितनी नई करंसी जमा की गई, इस सवाल पर उर्जित पटेल खामोश रह गए। वित्त मामले की स्थाई समिति के सदस्य टीएमसी के सुगत रॉय ने बताया कि आरबीआई गवर्नर हमें यह बताने में असफल रहे कि नोटबंदी के बाद बैंकों के पास कितने पैसे आए। रॉय के मुताबिक उर्जित पटेल ने यह भी नहीं बताया कि हालात कब तक सामान्य होंगे। उनके मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारी बचाव की मुद्रा में थे।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने नोटबंदी के पक्ष और विपक्ष को लेकर जनवरी 2016 से ही चर्चा शुरू हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक स्थाई समिति ने जब अधिकारियों से पूछा कि नोटबंदी के बाद कितने नोट वापस आए, तो अधिकारी खामोश रह गए।
एक अनुमान के मुताबिक 8 नवंबर को सरकार ने जब नोटबंदी का फैसला किया तो 500 व 1000 रुपए के नोटों के रूप में 15.44 लाख करोड़ वैल्यू की करंसी का अनुमान जताया गया था। उर्जित पटेल को 20 जनवरी को पब्लिक अकाउंट्स कमिटी के सामने भी पेश होना है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केवी थामस की अध्यक्षता वाली पीएसी भी नोटबंदी पर उर्जित पटेल से सवाल करेगी। केवी थॉमस पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर समिति उर्जित के जवाबों से संतुष्ट नहीं हुई तो उसके पास पीएम को भी तलब करने का अधिकार है।
उधर, कांग्रेस ने रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल पर हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने उर्जित पटेल के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आरबीआई की स्वायत्तता खो गई है और यह केंद्र सरकार का रबर स्टैंप हो गई है। गुलाम नबी आजाद ने तंज कसते हुए कहा कि अगर मैं कहीं आरबीआई गवर्नर को देख लूं तो पहचान ही नहीं पाऊंगा। वह मुश्किल से न्यूजपेपर या टीवी पर दिखते हैं।