नई दिल्ली : सपा परिवार में चल रहे दंगल के बीच मुलायम सिंह यादव ने बड़ा बयान दिया है। मुलायम का कहना है कि पार्टी की एकता में कोई बाधा नहीं बन सकता।
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मेरे पास जो था सब अखिलेश को दे दिया है। पार्टी में एकता बनी रहे इसके लिए मैंने हरक कदम उठाया है। उन्होंने कहा है कि हमने पार्टी की एकता के लिए समय दिया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी का चुनाव चिन्ह और नाम नहीं बदलेगा। मैं किसी भी कीमत पर पार्टी को टूटने नहीं दूंगा। उन्होंने कहा है कि सपा को उसके कार्यकर्ता नहीं टूटने देंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश उनके हीरो हैं। अखिलेश पर उन्हें पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि मैंने सब कुछ अखिलेश के लिए छोड़ दिया है।
इस बीच, खबर है कि अगर पार्टी का सिंबल सीज होता है तो मुलायम सिंह को कई साल पुरानी अपनी पार्टी लोकदल से ‘हल जोतता किसान’ का पुराना सिंबल मिल सकता है। इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह से इस बारे में कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
सूत्रों की मानें तो अमर सिंह ने लोकदल के अध्यक्ष सुनील सिंह से इसे लेकर लंबी बात की है। मुलायम सिंबल सीज होने के बाद अपने पुराने दल के निशान से चुनाव मैदान में जाने को तैयार हैं, क्योंकि उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत लोकदल से ही हुई थी। मुलायम 1982 में लोकदल के अध्यक्ष बनाए गए थे। वह खुद को लोकदल के संस्थापक चौधरी चरण सिंह का असली वारिस भी बता चुके हैं।
1985 में मुलायम ने यूपी में लोकदल को 85 सीटों पर जीत भी दिलवाई थी। इसके बाद ही उन्हें विपक्ष का नेता बनाया गया था। कहा जा रहा है कि अमर के साथ शिवपाल भी सुनील सिंह के कॉन्टैक्ट में हैं। कई दौर की बातचीत हो चुकी है। अब आखिरी फैसला मुलायम को लेना है।