डीजल के दाम बढ़ने के विरोध में किसान संगठनों की 10 जून तक चलने वाली हड़ताल से अब सब्जियों और दूध की किल्लत पेश आने लगी है। सभी बड़े शहरों जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला व बठिंडा समेत सभी जिलों में सब्जियों व दूध के दाम में भारी उछाल आ गया है।
सब्जियों के दाम में दो से तीन गुना तक बढ़ गए हैं। 15 रुपये किलो वाला टमाटर 50 से साठ रुपये में बिका। वहीं पैकेट वाले दूध में भी कारोबारियों ने दो से तीन रुपये महंगा कर दिया है। इन कीमतों और इजाफा होने की आशंका है। इसके साथ ही सब्जियों की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। वहीं, किसान संगठनों ने गाड़ियां रोककर दूध सड़कों पर उड़ेल दिया और सब्जियां फिंकवा दी। तरनतारन के गांव नागोके में किसानों ने 1 टैंकर दूध सड़क पर बहा दिया।
वेरका को दूध सप्लाई करने वाले किसानों ने भी हड़ताल को समर्थन देने का एलान कर दिया है। इस वजह से वेरका की सभी दूध एकत्रित करने वाली डेयरियों के सेक्रेटरीज ने हड़ताल कर दी है। मोहाली स्थित वेरका प्लांट के बाहर किसानों ने 4 घंटे तक प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल सीनियर के उपाध्यक्ष मेहर सिंह थेहड़ ने कहा कि वेरका किसानों का आठ दिन तक साथ दे। वेरका के जीएम मार्केटिंग जीपी गुप्ता ने कहा कि अगर किसान नहीं माने, तो दिक्कत हो सकती है।
गांवों में छबील व लंगर लगाएंगे किसान
किसानों ने गांवों में दूध और खीर के लंगर व छबील लगाने का निर्णय किया है, ताकि दूध बर्बाद न हो। कुछ जिलों में छबील लगाकर दूध बांटा गया।
किसानों का विरोध, केंद्र की उपेक्षापूर्ण नीति का नतीजा: कैप्टन
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब सहित सात राज्यों में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कहा कि यह विरोध केंद्र सरकार की किसानों के प्रति उपेक्षापूर्ण नीति का नतीजा है। केंद्र सरकार संकट में घिरे किसानों को कोई भी मदद उपलब्ध करवा पाने में असफल रही है।
सिद्धू बोले, अन्नदाता किसान भिखारी बन गया
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ङ्क्षसह सिद्धू का कहना है कि पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढऩे से अन्य चीजों की कीमतों में उछाल आना शुरू हो जाता है। किसान की हालत बदहाल हो चुकी है। केंद्र सरकार की गलत नीतियों से अन्नदाता किसान भिखारी बन गया है।
एसजीपीसी किसानों के साथ
आनंदपुर साहिब के गुरुद्वारा तख्त श्री केसगढ़ साहिब में एसजीपीसी प्रमुख गोबिंद ङ्क्षसह लोंगोवाल ने किसानों के देशव्यापी संघर्ष का समर्थन किया है। साथ ही सरकार से अपील की है कि किसानों की मागेंं स्वीकार करें।