लखनऊ: राजधानी पुलिस की एसएसपी मंजिल सैनी के नाम से एक फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाया गया है। इस फैसबुक एकाउंट को बनाने वाला लोगों से एसएसपी बनाकर चेटिंग करता है। सोमवार की शाम जब इस बात का पता एसएसपी मंजिल सैनी को हुआ तो उन्होंने फौरन इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया।
एसएसपी के आदेश के बाद उनके प्रेम पीआरओ अरूण कुमार सिंह ने हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी। एसएसपी पीआरओ अरूण कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार की शाम एसएसपी के सरकारी मेल पर एमबीए के एक छात्र ने मेल कर बताया कि एसएसपी लखनऊ मंजिल सैनी के नाम से एक फर्जी फेसबुक आईटी कोई चला रहा है। छात्र को इस बारे में उसकी एक दोस्त ने बताया था। छात्र की दोस्त ने फर्जी फेसबुक आईडी का स्क्रीन शाट भी छात्र को भेजा था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए छात्र ने ई-मेल के माध्यम से एसएसपी को इस बारे में जानकारी दी। एसएसपी मंजिल सैनी को जब इस बात का पता चला कि कोई उनके नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर चला रहा है तो वह भी सन्न रह गयीं। उन्होंने फौरन अपने प्रेस पीआरओ अरूण कुमार सिंह को इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। एसएसपी का आदेश मिलते ही पीआरओ अरूण कुमार सिंह हजरतगंज कोतवाली पहुंचे और उन्होंने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी और साइबर क्राइम की धारा 66 डी के तहत रिपोर्ट दर्ज करायी है।
अब इस मामले की आगे की छानबीन साइबर क्राइम सेल को दी गयी है। साइबर क्राइम सेल इस बात का पता लगाने में जुट गया है कि एसएसपी के नाम से बनायी गयी फर्जी फेसबुक आईडी किसी आईपी एड्रेस से बनायी गयी थी। फिलहाल अभी तक इस मामले मेें कोई खास सफलता पुलिस को हाथ नहीं लगी है। साइबर क्राइम सेल से जुड़े पुलिस वालों का कहना है कि एक- दो दिन के अंदर कुछ जानकारी मिल सकती है और फिर उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
लोगों से एसएसपी बनकर हो रही थी चेटिंग
हजरतगंज पुलिस से की गयी शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया है कि मंजिल सैनी के नाम से बनाये गये फर्जी फेसबुक आईडी से आरोपी खुद एसएसपी बनकर लोगों से चेटिंग करता था। उसने फेसबुक आईडी पर पुलिस विभाग से संबंधित कुछ फोटो भी अपलोड कर रखी थी। लोग आरोपी को एसएसपी समझ कर उससे फेसबुक पर बातचीत करते थे।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह कोई पहली बार नहीं है, पहले भी कई आईपीएस अधिकारियों के नाम पर फर्जी फेसबुक आईडी बनायी जा चुकी है। वर्ष 2014 में तत्कालीन एसएसपी यशस्वी यादव के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनायी गयी थी। इस मामले में पुलिस ने उन्नाव निवासी राहुल मिश्र नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2015 में आईजी वूमन पावर लाइन नवनीत सिकेरा के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनायी गयी थी। इस मामले में गौतमपल्ली पुलिस ने कैण्ट के नीलमथा निवासी अभय नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया था।
सिर्फ इतना ही नहीं आईपीएस अधिकारियों के अलावा कई बड़ी राजीतिक हस्तियों के नाम पर फर्जी फेसबुक आईडी बन चुकी है। चंद रोज पहले बसपा सुप्रीमों के नाम से फर्जी ट्विटर एकांउट भी बनाया गया था। इस मामले मेें भी गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज हैं और पुलिस मामले की छानबीन में लगी है।